दिवाली पर मावें में हो सकती है मिलावट, ऐसे जाचें शुद्धता
दिवाली का त्योहार नजदीक है, और इस समय मिठाइयों का महत्व और भी बढ़ जाता है खासकर, खोया (मावा) से बनी मिठाइयां इस पर्व पर प्रमुख रूप से बनाई और खरीदी जाती हैं लेकिन दिवाली के दौरान बाजार में मिलावटी मावा बेचे जाने की खबरें अक्सर सामने आती हैं, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है.इसलिए, यह जानना बेहद जरूरी है कि आप जो मावा खरीद रहे हैं, वह शुद्ध है या नहीं यहां कुछ सरल तरीके बताए जा रहे हैं, जिनसे आप खोया की शुद्धता की जांच कर सकते हैं:-
1. सुगंध और रंग की जांच करें
शुद्ध खोया हल्की दूधिया खुशबू देता है, जबकि मिलावटी मावा से कभी-कभी हल्की सी तेल या अन्य मिलावट की गंध आ सकती है इसके अलावा, शुद्ध मावा का रंग हल्का सफेद या हल्का पीला होता है अगर मावे का रंग ज्यादा गहरा या असामान्य है, तो यह मिलावटी हो सकता है.
2. बनावट पर ध्यान दें
मावा की शुद्धता उसकी बनावट से भी पहचानी जा सकती है शुद्ध मावा नरम और थोड़ा चिकना होता है अगर यह बहुत सख्त है या उसमें दानेदारपन महसूस हो, तो यह मिलावटी हो सकता है.
3. हाथ से मसलकर जांचें
खोया को हाथ में लेकर मसलें शुद्ध मावा आसानी से मसल जाता है और चिकना महसूस होता है अगर यह टूटने या बिखरने लगे, तो इसका मतलब है कि उसमें मिलावट हो सकती है.
4. पानी में घोलकर देखें
एक छोटा टुकड़ा मावा लें और उसे पानी में घोलें शुद्ध मावा पानी में पूरी तरह से घुल जाता है और दूध जैसा घोल बनता है लेकिन अगर पानी में मावा अलग-अलग टुकड़ों में टूट जाए या उसमें से कोई अन्य तैलीय पदार्थ ऊपर आ जाए, तो यह मिलावट का संकेत हो सकता है.
5. आयोडीन टेस्ट करें
आयोडीन टेस्ट के जरिए भी खोया की शुद्धता जांची जा सकती है एक छोटा टुकड़ा मावा लें और उस पर आयोडीन की कुछ बूंदें डालें अगर मावा का रंग नीला हो जाता है, तो इसका मतलब है कि उसमें स्टार्च की मिलावट की गई है.
6. FSSAI का लाइसेंस और पैकेजिंग पर ध्यान दें
जब भी मावा खरीदें, तो पैकेजिंग पर FSSAI का लाइसेंस नंबर जांचें इससे यह सुनिश्चित होता है कि उत्पाद किसी प्रमाणित कंपनी द्वारा तैयार किया गया है और शुद्धता का मानक पूरा करता है.
दिवाली के दौरान मिलावटी मिठाइयां खाने से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि पेट दर्द, अपच, और फूड पॉइजनिंग इसलिए, खोया खरीदते समय सतर्क रहें और उपरोक्त तरीकों से उसकी शुद्धता की जांच करें ताकि त्योहार का आनंद बिना किसी स्वास्थ्य चिंता के लिया जा सके.