भारत में यहां मनाते हैं बूढ़ी दिवाली, जगह है इतनी खूबसूरत, ‘एक बार जाना तो बनता है’
दिवाली का त्योहार पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है और दिवाली की रात हर जगह जबरदस्त रौनक देखने को मिलती है. छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली के बारे में तो आप भी जानते होंगे, लेकिन क्या आप एक ऐसी जगह के बारे में जानते हैं जहां पर ‘बूढ़ी दिवाली’ मनाई जाती है. इसे ‘इगास’ पर्व के नाम से भी जाना जाता है. जहां पर बूढ़ी दिवाली सेलिब्रेट की जाती है वह जगह भी इतनी खूबसूरत है कि जिंदगी में एक बार तो विजिट करना ही चाहिए और अगर आप एक बार यहां पर चले गए तो बार-बार यहां की ट्रिप प्लान करना चाहेंगे.
दिवाली की रात सभी अपने घर पर सेलिब्रेट करना चाहते हैं, लेकिन एक जगह ऐसी भी है, जहां की दिवाली सेलिब्रेट करना आपके लिए यादगार रहेगा और आपको अपने घर की दिवाली भी नहीं छोड़नी पड़ेगी. दरअसल ‘बूढ़ी दिवाली’ हिमाचल में सेलिब्रेट होती है और इसे मुख्य दीपावली पर्व के एक महीने बाद सेलिब्रेट किया जाता है. तो चलिए जान लेते हैं इसके बारे में डिटेल में.
हिमाचल के कुल्लू में मनाते हैं बूढ़ी दिवाली
पहाड़ी राज्य हिमाचल की खूबसूरती, यहां की संस्कृति और शांति भरा वातावरण पर्यटकों को खासा आकर्षित करता है, तो वहीं यहां का शहर ‘कुल्लू’ लोगों के बीच एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. यहां पर आप आकर आप ‘बूढ़ी दिवाली’ के फेस्टिवल को एंजॉय कर सकते हैं.
कुल्लू में घूमने की जगहें
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में आप पहाड़ों की खूबसूरती तो निहार ही सकते हैं और यहां पर शांति-सुकून से वक्त बिता सकते हैं, जिसेस आपका सारा स्ट्रेस दूर हो जाएगा. इसके अलावा कुल्लू में श्री हनोगी मंदिर जा सकते हैं. ये मंदिर ब्यास नदी के किनारे पर बना हुआ है और यहां के दृश्य भी मनोरम होते हैं. इसके अलावा कुल्लू में आप गुरुद्वारा मणिकर्ण साहिब, रघुनाथ टेम्पल, बिजली महादेव मंदिर, कैसरघर, भृगु झील, खीर गंगा जैसी खूबसूरत जगहों को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं.
बूढ़ी दिवाली क्यों होती है खास
दरअसल हिमाचल में मनाई जाने वाली बूढ़ी दिवाली में दीपक जलाने के साथ ही हाथों में जलती हुई मशाल लेकर उत्सव मनाया जाता है. इस दिन लोक गीत गाए जाते हैं ऐर पारंपरिक नृत्य किया जाता है. इसके अलावा भी यहां पर कई प्रोग्राम आयोजित होते हैं, जिन्हें देखना आपके लिए एक बढ़िया एक्सपीरियंस रहेगा.