हेयर थ्रेडिंग के बाद निकल आते हैं दाने? जानें इसके कारण और उपाय

हेयर थ्रेडिंग के बाद निकल आते हैं दाने? जानें इसके कारण और उपाय
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हेयर थ्रेडिंग करवाने के बाद कई बार चेहरे पर छोटे-छोटे दाने या पिम्पल्स आ जाते हैं, जो न सिर्फ देखने में खराब लगते हैं बल्कि दर्द और जलन भी दे सकते हैं. यह एक आम समस्या है जो त्वचा की संवेदनशीलता या थ्रेडिंग की प्रक्रिया में होने वाले खिंचाव के कारण होती है. आइए जानते हैं कि हेयर थ्रेडिंग के बाद दाने क्यों निकलते हैं और इससे बचने के उपाय क्या हैं.

1. संवेदनशील त्वचा: जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है, उन्हें थ्रेडिंग के बाद दाने निकलने की समस्या अधिक होती है. थ्रेडिंग के दौरान त्वचा पर दबाव पड़ता है जिससे उसकी बाहरी सतह पर जलन होती है और छोटे दाने या पिम्पल्स उभर सकते हैं.

2.अस्वच्छ उपकरण: यदि थ्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाले धागे या अन्य उपकरण साफ नहीं होते, तो बैक्टीरिया चेहरे पर आ सकते हैं और पिम्पल्स का कारण बन सकते हैं.

3. पोर क्लॉगिंग: थ्रेडिंग के दौरान त्वचा की बाहरी परत पर मौजूद प्राकृतिक तेल हट जाते हैं जिससे पोर खुल जाते हैं. इसके बाद यदि गंदगी या तेल त्वचा पर लग जाए तो पोर बंद हो सकते हैं, जिससे दाने निकलने की संभावना होती है.

4. जलन और खिंचाव: थ्रेडिंग के समय त्वचा पर खिंचाव पड़ता है, जो उसे नुकसान पहुंचा सकता है. इससे त्वचा में जलन होती है और दाने बनने लगते हैं.

1. एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल करें: थ्रेडिंग के तुरंत बाद एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं. इससे त्वचा पर किसी भी प्रकार की बैक्टीरियल इंफेक्शन की संभावना कम हो जाती है.

2. बर्फ से सेंक करें: थ्रेडिंग के बाद चेहरे पर बर्फ से हल्के-हल्के सेंक करें. इससे त्वचा की जलन कम होगी और पिम्पल्स बनने की संभावना भी कम हो जाएगी.

3. मॉइस्चराइज़र का प्रयोग करें: थ्रेडिंग के बाद एक हल्का मॉइस्चराइज़र लगाना चाहिए, जिससे त्वचा हाइड्रेटेड रहे और सूखने से बचे.

4. धूप से बचें: थ्रेडिंग के बाद तुरंत धूप में न निकलें क्योंकि यह त्वचा को और अधिक संवेदनशील बना सकता है. अगर बाहर जाना हो तो सनस्क्रीन जरूर लगाएं.

5. चेहरे को न छुएं: थ्रेडिंग के बाद बार-बार चेहरा छूने से बचें क्योंकि इससे बैक्टीरिया त्वचा पर आ सकते हैं, जो दानों का कारण बन सकते हैं.

हेयर थ्रेडिंग के बाद त्वचा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. सही तरीके से त्वचा की देखभाल करने से न केवल दानों की समस्या से बचा जा सकता है बल्कि त्वचा को भी स्वस्थ और निखरा हुआ रखा जा सकता है.

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