पब्लिक के बीच बोलने से नहीं लगेगा डर, ऐसे बूस्ट करें कॉन्फिडेंस
स्टूडेंट्स हो या फिर कामकाजी प्रोफेशनल लोग, न सिर्फ कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के लिए बल्कि व्यक्तिगत रूप से खुद में मजबूत महसूस करने के लिए कॉन्फिडेंस होना बेहद जरूरी होता है. वहीं जब बात आती है किसी स्टेज पर जाकर लोगों के बीच बोलने की तो ज्यादातर लोगों को ये बेहद मुश्किल लगता है. वैसे तो स्टेज पर जाकर बहुत सारे लोगों के बीच अपनी बात रखना या परफॉर्म करने से पहले थोड़ी घबराहट होना आम होता है, लेकिन आप भी अगर उन लोगों में से हैं जिनको लोगों के बीच बोलने में काफी घबराहट होती है तो कुछ टिप्स की मदद से आप खुद को तैयार कर सकते हैं और कॉन्फिडेंस को बढ़ा सकते हैं.
पब्लिक स्पीकिंग एक कला की तरह है, जो हर उम्र के इंसान को सीखना चाहिए. इसे आप एक स्किल सीखने के चैलेंज की तरह ले सकते हैं और पब्लिक के बीच बोलने का कॉन्फिडेंस खुद में बिल्ड कर सकते हैं. तो चलिए जान लेते हैं कि किन बातों को फॉलो करके पब्लिक के बीच बोलने का कॉन्फिडेंस बूस्ट किया जा सकता है.
मिरर टॉक है कमाल की ट्रिक
प्रोफेशनल लाइफ के डेली रूटीन में बातचीत को बेहतर बनाने से लेकर हजारों लोगों के बीच बोलने या परफॉर्म करने तक का कॉन्फिडेंस आप अपने अंदर बिल्ड कर सकते हैं अगर रोजाना मिरर टॉक की जाए. ये सुनकर शायद लगे कि ये तो काफी आसान काम है, लेकिन जब आप पहले दिन शीशे में देखकर खुद से बात करेंगे तो पाएंगे कि दूसरों के सामने ही नहीं, बल्कि आप खुद से भी पूरे कॉन्फिडेंस के साथ बात नहीं कर पा रहे हैं. रोजाना ये प्रैक्टिस कम से कम 5 से 10 मिनट करें. इससे आप पाएंगे कि चेहरे के हावभाव से लेकर बात करने के तरीके और बॉडी लैंग्वेज में भी फर्क दिखाई दे रहा है.
बॉडी लैंग्वेज सुधारने के लिए करें ये काम
कॉन्फिडेंस सिर्फ ये नहीं है कि आप क्या कह रहे हैं, बल्कि ये आपकी बॉडी लैंग्वेज से भी झलकता है यानी उठते-बैठते बात करते हुए गुड पोस्चर मेंटेन करना, आई कॉन्टेक्ट सही से बनाना, हाथों की मुद्राएं आपकी बात के साथ बदलते रहना. इसके लिए आप मिरर टॉक के अलावा बड़े परफॉर्मर्स को ऑनलाइन देख सकते हैं और उनसे सीख सकते हैं.
छोटे कामों से करें शुरुआत
पब्लिक स्पीकिंग स्किल को अच्छा करने के लिए छोटे कामों से शुरुआत करें यानी आप अपनी आवाज को रिकॉर्ड करें और सुनें. इससे आपको पता चलेगा कि इमोशन के हिसाब से कैसे अपनी आवाज को ढालना है यानी हाई नोट कब पकड़ना है और लो नोट पर कब आना है. इसके अलावा आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के बीच छोटी प्रेजेंटेशन देने से शुरुआत कर सकते हैं.
भाषा पर पकड़ बनाएं तभी बढ़ेगा कॉन्फिडेंस
पब्लिक स्पीकिंग के लिए यह बहुत जरूरी है कि आपकी किसी एक भाषा पर पकड़ होना जरूरी है तो वहीं अंग्रेजी पर इतनी पकड़ होनी चाहिए कि आप सही से चीजों को समझ सकें, क्योंकि अंग्रेजी ग्लोबल लैंग्वैज है. इससे आपमें खुद ही लोगों के बीच बोलने का कॉन्फिडेंस बढ़ने लगेगा, इसलिए रोजाना कुछ पढ़ना शुरू करें. इससे आपकी नॉलेज भी बढ़ेगी.
प्रैक्टिस, प्रैक्टिस और प्रैक्टिस से ही होगा
सबसे जरूरी है कि प्रैक्टिस की जाए. ज्यादातर लोग प्रैक्टिस को बीच में ही कुछ दिनों में छोड़ देते हैं और हताश हो जाते हैं कि उनसे नहीं होगा, लेकिन प्रैक्टिस, प्रैक्टिस और प्रैक्टिस करते चले जाएंगे तो आपसे भी होगा. यह बहुत जरूरी है कि आप खुदपर काम करें और पीछे न हटें, क्योंकि प्रैक्टिस ही एक दिन परफेक्ट बनाती है. कहा भी गया है कि ‘करत करत अभ्यास जड़मत होत सुजान’.