गर्दन, कंधे और पीठ दर्द को कम करने के लिए योगासन, स्ट्रेस भी होगा दूर

गर्दन, कंधे और पीठ दर्द को कम करने के लिए योगासन, स्ट्रेस भी होगा दूर
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त्रिकोणासन में कमर से लेकर पीठ, कंधों और गर्दन की मांसपेशियों में भी अच्छा खिंचाव आता है. इसलिए इस योगासन का नियमित अभ्यास आपको गर्दन, कंधे, पीठ और कमर दर्द के साथ ही पैर की मसल्स की स्टिफनेस से भी राहत दिलाने में हेल्प करता है.

बालासन बहुत ही ईजी योगासन है जो कोई भी आसानी से कर सकता है. ये योगासन करने से पीठ, कमर, कंधों और गर्दन को काफी रिलैक्स महसूस होता है. इस योगासन को करने से स्ट्रेस भी दूर होता है.

गर्दन, कमर, पीठ और कंधों के दर्द और जकड़न से राहत पाने के साथ ही पोस्चर को सुधारने के लिए गोमुखासन करना बढ़िया रहता है. ये आसान आपकी रीढ़ की हड्डी और पीठ की मसल्स को लचीला बनाने में मदद करता है साथ ही स्ट्रेस को भी कम करने में लाभकारी है.

स्पाइनल ट्विस्ट या सुप्त मत्येंद्रासन करना पीठ के निचले हिस्से, गर्दन और कंधों के दर्द वालों के लिए काफी फायदेमंद रहता है. इस योगासन को करने से पेट भी टोन होता है. डिलीवरी के बाद महिलाओं में होने वाले मसल्स के पेन को कम करने में भी स्पाइनल ट्विस्ट आसन फायदेमंद रहता है. ये आसन करने से नींद भी बेहतर होती है.

कैट-काऊ योगा पोज (मार्जरी आसन) करने से रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है, जिससे पीठ दर्द से राहत मिलती है. इसके अलावा ये योगासन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने और नर्वस सिस्टम को रिलैक्स दिलाने में भी कारगर है. मार्जरी पोज कमर, पीठ, कंधों और गर्दन के दर्द को कम करने के अलावा पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन को भी कम करने में कारगर रहता है.

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