परिवार को तबाही के रास्ते पर ले जाती हैं आपकी ये गलतियां, समय रहते इन आदतों में जरूर कर लें सुधार
आचार्य चाणक्य भारत के महानतम शिक्षकों में से एक माने जाते हैं. वह न सिर्फ एक अर्थशास्त्री थे, बल्कि कुशल रणनीतिकार और कूटनीतिज्ञ भी थे. उन्होंने नीतिशास्त्र नामक एक ग्रंथ लिखी थी, जो कि चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है. इस ग्रंथ में जीवन से जुड़ी अलग-अलग पहलुओं पर नीतियां बताई गई हैं, जो भी व्यक्ति चाणक्य नीति को अच्छे से पढ़कर समझ लेता है, वह जीवन में हर तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो जाता है. वह इंसान को पहचानने में माहिर हो जाता है. हालांकि, चाणक्य नीति ने घर के मुखिया को लेकर कुछ बातें बताई हैं. अगर वे अपनी इन आदतों में सुधार नहीं करते है, तो घर के बर्बादी की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में अगर आप भी घर के मुखिया हैं, तो इन आदतों में जरूर सुधार कर लें.
नियमों का करें पालन
घर के छोटे बच्चे बड़े-बुजुर्गों से ही सीखते हैं. लेकिन अगर घर के बड़े बुजुर्ग ही नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो बच्चों पर कहां से लगाम लगा पाएंगे. ऐसे में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में मुखिया नियमों का पालन नहीं करता है, तो घर पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है. ऐसी स्थिति में घर के बच्चे भी नियमों का पालन नहीं करते हैं.
धन की करें बचत
चाणक्य नीति के अनुसार, जिस घर का मुखिया धन की बचत करना नहीं जानता है, उस घर में कंगाली बहुत जल्द आ जाती है. फिजूल खर्च करने से घर की प्रगति नहीं होती है. ऐसे में घर के मालिक को धन की बचत और खर्च दोनों का बखूबी ज्ञान होना चाहिए. घर के बड़ों को जरूरी सामानों पर ही रुपए खर्च करने चाहिए, जिससे बचत किए हुए पैसे भविष्य में किसी काम में आ सके.
घर के सदस्यों से बनाकर रखें अच्छे संबंध
चाणक्य नीति के मुताबिक, घर के मालिक या बड़े-बुजुर्गों को परिवार के सभी सदस्यों से अच्छे संबंध बनाकर ही रखना चाहिए. यह परिवार को जोड़े रखने का काम करता है. जिस परिवार में एकता रहती है, वहां कोई भी मुश्किल हो निपटने में आसानी हो जाती है. अगर घर के मालिक का परिवार के अन्य सदस्यों से अच्छे संबंध नहीं होंगे, तो घर में फूट जल्द ही हो जाती है. इसके अलावा, यह बच्चों की मानसिकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है.