वास्तु शास्त्र में छिपा है अच्छी सेहत का राज, घर पर रखें इन खास बातों का ख्याल

वास्तु शास्त्र में छिपा है अच्छी सेहत का राज, घर पर रखें इन खास बातों का ख्याल
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हमारे जीवन में वास्तु शास्त्र का महत्व काफी ज्यादा बताया गया है. कहा जाता है कि हमारा जीवन कैसा होगा यह काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि हम इसमें बताये गए नियमों का सही से पालन कर रहे हैं या फिर नहीं. हमारे वास्तु शास्त्र में अगर नजर डालें तो इसमें घर से जुड़े कुछ नियमों के बारे में बताया गया है. कहा जाता है अगर आप एक सेहतमंद जीवन जीना चाहते हैं तो इन नियमों का पालन करने से आपको फायदा हो सकता है. वहीं, इन नियमों को अगर आप अनदेखा कर देते हैं या फिर इनका पालन नहीं करते हैं तो इसका काफी निगेटिव असर आपके जीवन और सेहत पर पड़ सकता है. आज इस आर्टिकल में हम आपको वास्तु शास्त्र में बताये गए कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका पालन आपको जरूर करना चाहिए अगर आप एक सेहतमंद जीवन जीना चाहते हैं.

वास्तु के इन नियमों का घर पर रखें ख्याल

उत्तर-पूर्व दिशा में प्रतिदिन मोमबत्ती या दीपक जलाएं ऐसा करने से आपका स्वास्थ्य अच्छा रहता है. नलों का लगातार टपकना नकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है और सेहत के खराब होने की तरफ भी इशारा करता है. इस बात का खास ख्याल रखें कि आपके घर पर कोई भी नल खराब न हों और साथ ही किसी भी नल से पानी न टपक रहा हो. केवल यहीं नहीं सीढ़ियों के नीचे की जगह को शौचालय, स्टोर या रसोई के रूप में इस्तेमाल करने से भी आपको बचना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारी और साथ ही दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा काफी बढ़ जाता है. तुलसी का पौधा लगाने से घर में हवा शुद्ध होती है. वहीं, रबर प्लांट, कैक्टस, बोनसाई और अन्य दूध वाले पौधों को घर पर लगाने से आपको बचना चाहिए. ये आपकी बीमारी और तनाव को बढ़ा सकते हैं.

बेडरूम में अपनाएं ये नियम

वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण-पश्चिम दिशा में बना मास्टर बेडरूम फिजिकल और मेंटल स्टेबिलिटी के लिए फायदेमंद माना जाता है. केवल यहीं नहीं, आपको उत्तर-पूर्व दिशा में कभी भी बेडरूम नहीं बनवाना चाहिए. जब आप ऐसा करते हैं तो आपको सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. सोते समय हमेशा अपना सिर दक्षिण दिशा में करके लेटें। यह शांतिपूर्ण और हेल्दी लाइफस्टाइल को बढ़ावा देता है. उत्तर दिशा में सिर करके सोना उचित नहीं है क्योंकि इससे स्ट्रेस और दर्द होता है. गर्भवती महिला को मिसकैरेज की संभावना को रोकने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा में सोने से बचना चाहिए. इसके साथ ही आपको स्टोरेज स्पेस वाला बिस्तर मस्तिष्क और हृदय संबंधी बीमारियों का कारण बनता है. केवल यहीं नहीं आपको लोहे के बिस्तर पर सोने से भी बचना चाहिए. साधारण लकड़ी के बिस्तर को चुनना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. इसके साथ ही अपना बिस्तर कभी भी शौचालय की दीवार के साथ न जोड़ें. जब आप ऐसा करते हैं तो आपके जीवन में निगेटिव एनर्जी बढ़ने लगती है.

किचन में अपनाएं ये वास्तु के उपाय

वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पूर्व दिशा को रसोई बनाने के लिए आदर्श बताया गया है. खाना पकाने और खाने के लिए पूर्व दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है, क्योंकि यह बेहतर डाइजेशन और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है. वहीं, उत्तर-पूर्व दिशा में रसोई बनाने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और दुर्घटनाएं हो सकती हैं. केवल यहीं नहीं शौचालय और रसोई को एक साथ बनाने से बचें. ये दोनों ही चीजें एक साथ या फिर आमने सामने नहीं होनी चाहिए.

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