शुरू कर दें ‘नेक मूवमेंट’ एक्सरसाइज, मिलेगा फायदा

ऑफिस में घंटों लंबे समय तक बैठने से गर्दन को नुकसान हो जाता है। गर्दन के साथ ही रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान पहुंचता हैं। गर्दन की मांसपेशियां इंसान को हर तरीके से सिर को अलग-अलग दिशाओं में घुमाने, चबाने, निगलने और सांस लेने में भी मदद करती हैं। इसे सही रखने के लिए आज हम एक खास तरीके की एक्सरसाइज की जानकारी दे रहे हैं जो आपको नेक यानी गर्दन के दर्द से निजात दिलाती हैं।
आपको बताते चलें कि, आयुष मंत्रालय ने गर्दन के लिए यह खास तरह की एक्सरसाइज के बारे में बताया है। नेक मूवमेंट वाली एक्सरसाइज खास होती है। आयुष मंत्रालय ने इस गर्दन की एक्सरसाइज के चार प्रकार बताए हैं। इनमें फ्लेक्सन (आगे की ओर झुकना), एक्सटेंशन (पीछे की ओर झुकना), साइड बेंडिंग (एक तरफ झुकना), और रोटेशन (घूमना)।
कैसे करें यह एक्सरसाइज
आपको इस एक्सरसाइज को करने के इसके चार स्टेप को जानना चाहिए जो इस प्रकार हैं…
पहला चरण है गर्दन को आगे और पीछे की ओर झुकाना या स्ट्रेच करना। यह व्यायाम गर्दन की मांसपेशियों को खोलता है और तनाव को कम करता है।
दूसरे चरण में दाएं और बाएं ओर झुकना या खिंचना शामिल है, जो गर्दन की मांसपेशियों को लचीला बनाता है।
तीसरे चरण में दाएं और बाएं ओर गर्दन को घुमाना है, जो गतिशीलता को बढ़ाता है।
चौथा चरण है गर्दन को पूरा घूमना, जो मांसपेशियों को मजबूती और स्थिरता प्रदान करता है।
- क्या हैं ये और कैसे करें?
*फ़्लेक्सन (आगे की ओर झुकाव)** और **एक्सटेंशन (पीछे झुकना)**
*साइड बेंडिंग (दाएँ–बाएँ झुकना)**
*रोटेशन (सिर घुमाना)**
*कम्प्लीट घुमाव (पूरी गर्दन गोलाना)**
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इनसे क्या फ़ायदे होते हैं?
*गर्दन दर्द और तनाव में राहत**
*शारीरिक लचीलापन और घूमने-झुकने की सुविधा में सुधार**
*रक्त संचार में बढ़ोतरी, जिससे पोषण और कार्यक्षमता में मदद मिलती है* Rehab][4])
*पोश्चर में सुधार, खासकर लंबे समय तक स्क्रीन देखने या फोन पर झुककर बैठने वालों में
*सरदर्द और तनाव से होने वाले अन्य लक्षणों में कमी
क्यों जरूरी है "नेक मूवमेंट" एक्सरसाइज?
*तुरंत आराम मिल सकता है**, खासकर कार्यालय में लगातार बैठने वालों को
*लंबे समय में गर्दन और कंधों के दर्द की बात को रोकने में मदद
*स्पोर्ट्स या दुर्घटना के दौरान गर्दन को मजबूत करके चोटों से बचाव
कैसे करें— स्टेप बाय स्टेप
नियमित करें —दिन में 2-3 बार, हर स्टेप को धीरे-धीरे करें।
धीमा और नियंत्रित मूवमेंट**—जल्दी या जोर से न करें।
साँस का ध्यान रखें**—एक्शन के दौरान धीरे-धीरे साँस लें।
दर्द हो—रोक दें —यदि शून्य से तेज दर्द या नुम (झनझनाहट) हो, तो विशेषज्ञ से संपर्क करें।
जानिए कितनी होती है फायदेमंद
गर्दन की मांसपेशियां खोपड़ी से लेकर कंधों और कॉलरबोन तक फैली होती हैं। ये मांसपेशियां सिर, गर्दन और रीढ़ के ऊपरी हिस्से को सहारा देती हैं, साथ ही चबाने, निगलने और सांस लेने जैसी गतिविधियों में मदद करती हैं। ये कंकालीय मांसपेशियां टेंडन के जरिए हड्डियों से जुड़ी होती हैं और स्वैच्छिक होती हैं, यानी इन्हें हम अपनी इच्छा से नियंत्रित कर सकते हैं। इन मांसपेशियों का जटिल मस्कुलोस्केलेटल तंत्र खोपड़ी को धड़ से जोड़ता है, जिससे विभिन्न गतिविधियां संभव हो पाती हैं।
