मन में होती है भारी बेचैनी, अपना लें प्रेमानंद जी के ये 10 बातें

मन में होती है भारी बेचैनी, अपना लें प्रेमानंद जी के ये 10 बातें
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प्रेमानंद जी महाराज के उपदेश जीवन को संतुलित और शांतिपूर्ण बनाने के लिए अत्यंत प्रभावी हैं, उनके विचार हमें आत्म-ज्ञान, प्रेम और आंतरिक शांति की ओर मार्गदर्शन करते हैं, वे हमेशा हमें अपने भीतर की सच्चाई और प्रेम को पहचानने की प्रेरणा देते हैं, ताकि हम मानसिक और आत्मिक संतोष पा सकें, प्रेमानंद जी के इन शिक्षाओं को अपनाकर हम जीवन में हर तरह की परेशानी और मानसिक बेचैनी से मुक्त हो सकते हैं, प्रेमानंद जी महाराज के कुछ प्रमुख उद्धरण जो मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन पाने के लिए मार्गदर्शन देते हैं, निम्नलिखित हैं:-

“मन को शांत करने के लिए सबसे पहले उसे प्रेम से भरना होता है”

“जो अपने भीतर शांति और प्रेम का अनुभव करता है, वही दुनिया में शांति ला सकता है”


“जब तक आत्मा को जानने की कोशिश नहीं करेंगे, तब तक जीवन का उद्देश्य समझ में नहीं आएगा”

“सच्चे प्रेम में कोई अपेक्षा नहीं होती, वह निःस्वार्थ होता है”

“जो मन को वश में कर लेता है, वही आत्म-सिद्धि को प्राप्त करता है”


“सच्चे संत वही होते हैं, जो स्वयं को जानकर दूसरों को मार्ग दिखाते हैं”

“वर्तमान में जीने से ही मानसिक शांति मिलती है, क्योंकि अतीत और भविष्य केवल भ्रम होते हैं”

“जो अपने भीतर की आवाज सुनता है, वही सच्ची राह पर चलता है”


“समय के साथ अपने विचारों और कर्मों को बदलना ही सच्ची प्रगति है”

“दूसरों को माफ़ करना ही अपने मन को शांति देने का सबसे प्रभावी तरीका है

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