क्या होती है तेज चाल से चलना, रोज 2KM की इस सैर से शरीर में क्या होता है?

क्या होती है तेज चाल से चलना, रोज 2KM की इस सैर से शरीर में क्या होता है?
X

भारत में दिल के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. लोगों को कम उम्र में ही हार्ट अटैक आ रहा है. अब सवाल है कि आखिर इसकी बड़ी वजह क्या है. बिजी लाइफस्टाइल और खराब खानपान लोगों के कम उम्र में ही गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने का बड़ा कारण है. हद से ज्यादा तला-भुना खाना, एक्सरसाइज या व्यायाम न करना और स्मोकिंग जैसी बुरी आदतें शरीर को बीमारियों का घर बना रही है. हरी सब्जियों या फलों का सेवन और कुछ देर की फिजिकल एक्टिविटी से स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है. भले ही दिल्ली-एनसीआर समेत देश के अधिकतर हिस्सों में खराब हवा का लेवल बढ़ा हुआ है इसके बावजूद एक्सपर्ट कुछ देर की सैर करने की सलाह देते हैं.

यहां हम ब्रिस्क वॉक की बात करने जा रहे हैं. अगर आप रोजाना सिर्फ 2 किलोमीटर की वॉक करते हैं तो इससे शरीर को दोगुने फायदे मिलते हैं. दिल के मरीज एक्सपर्ट की सलाह पर इस तरह की सैर को कर सकते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि रोजाना 2 किलोमीटर की सैर करने से शरीर को क्या फायदे मिलते हैं.

क्या होती है ब्रिस्क वॉक । What is Brisk walk

इस तरह की सैर में हमें नॉर्मल वॉक से थोड़ा सा तेज चलना होता है. ध्यान रहे कि इसमें बिल्कुल दौड़ना नहीं चाहिए. इसमें एक नॉर्मल इंसान एक घंटे में 3 माइल्स चल लेता है या फिर हमें 100 कदम हर मिनट में चलने होते हैं. इस दौरान हमारा हार्ट का रेट 110 से 120 बीट्स प्रति मिनट हो जाता है. दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल के डॉ. जुगल किशोर शर्मा कहते हैं कि बढ़े हुए प्रदूषण के बीच हमें शाम के समय वॉक करनी चाहिए क्योंकि सुबह के टाइम एक्सपोजर अधिक होता है.

रोजाना 2 किलोमीटर सैर से शरीर में क्या होता है

दिल और फेफड़ों को फायदा

अगर आप रोजाना ब्रिस्क वॉक करते हैं तो सिर्फ 2 किलोमीटर चलने से दिल और फेफड़े दोनों के स्वास्थ्य को फायदा मिलता है. ऐसा करने से हमारा स्टेमिना भी बढ़ता है. इसलिए हमें रोजाना कम से कम 2 किलोमीटर की ये सैर करनी चाहिए. दिल के मरीजों को हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह पर ही इस तरह की वॉक का रूटीन शुरू करना चाहिए.

ब्लड प्रेशर रेगुलेशन

इस एक्सरसाइज को करने से हमारा ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है. दरअसल, इससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक से हो पाता है या इसमें सुधार आता है. ब्रिस्क वॉक के रूटीन से हम दिल की बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं.

जोड़ों को फायदा

आजकल लोग कम उम्र में ही जोड़ों में दर्द जैसी गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं. यूरिक एसिड का बढ़ना या गठिया समेत दूसरी समस्याओं के कारण ऐसा हो सकता है. इससे राहत पाने के लिए रोजाना ब्रिस्क या नॉर्मल वॉक करनी चाहिए. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इससे जोड़ों में फ्लेक्सिबिलिटी आती है.

वजन कंट्रोल का फायदा

अगर आप हफ्ते में 5 बार 30 मिनट की ब्रिस्क वॉकिंग करते हैं तो इससे वजन कंट्रोल या वेट लॉस जैसे बेनिफिट्स मिलते हैं. वॉकिंग करने से एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न होती है. इसलिए आप सैर के इस टाइप से वेट लॉस या वेट मैनेजमेंट जैसे फायदे पा सकते हैं.

ध्यान रखें ये बातें

वॉकिंग को शुरू करने से पहले ये जान लें कि आप जो फुटवियर पहन रहे हैं वो कम्फर्टेबल है या नहीं. क्योंकि स्टाइल के चक्कर में किसी भी जूते को पहनकर सैर करने से फायदे के बजाय नुकसान होता है. गलत फुटवियर के कारण पूरे दिन थकान या पैरों में दर्द रह सकता है.

हवा में प्रदूषण बढ़ा हुआ है इसलिए सांस संबंधी समस्याओं से बचने के लिए सेफ्टी का ध्यान रखना जरूरी है. बाहर निकलें तो मास्क लगाना न भूलें. इसके अलावा ज्यादा देर की वॉक न करें क्योंकि दिल से जुड़ी दिक्कतों से हालत बिगड़ सकती है.

कुछ लोग फायदे पाने के चक्कर में वॉकिंग से शरीर पर एक्स्ट्रा दबाव बनाते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है क हमेशा अपने शरीर की भी सुनें

Next Story