वजन घटाने की नई दवाएं ‘कमाल की’ नहीं: असली समाधान है संतुलित जीवनशैली अपनाना

असली समाधान है संतुलित जीवनशैली अपनाना
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💬 तेजी से बढ़ते मोटापे को रोकने के लिए आईं नई दवाओं ने लोगों में उम्मीदें जगाई हैं, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ साफ कहते हैं — “ये कोई जादुई इलाज नहीं हैं।”

वजन कम करने के लिए खानपान में सुधार, नियमित व्यायाम और जीवनशैली में बदलाव अब भी सबसे असरदार तरीका है।


💊 डायबिटीज की दवाओं से खुला वेट लॉस का रास्ता

जीएलपी-1 एनालॉग्स (GLP-1 analogues) नामक दवाएं पहले टाइप-2 डायबिटीज के इलाज में दी जाती थीं।

क्लिनिकल ट्रायल्स में पाया गया कि नियंत्रित आहार और एक्सरसाइज के साथ इस्तेमाल करने पर वजन में 15% तक की कमी संभव है।

इन दवाओं ने हृदय और मेटाबोलिज्म पर भी सकारात्मक असर दिखाया।

⚗️ मोटापा सिर्फ खाने से नहीं बढ़ता, पर्यावरण भी वजह

वैज्ञानिकों के मुताबिक, मोटापा केवल कैलोरी असंतुलन का परिणाम नहीं है।

इसमें आनुवंशिक, हार्मोनल, दवाओं, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारण शामिल हैं।

पर्यावरण में मौजूद कुछ ‘ओबेसोजेनिक’ रसायन हार्मोन संतुलन बिगाड़कर और आंतों के सूक्ष्मजीवों को प्रभावित करके वजन बढ़ाने की प्रवृत्ति बढ़ाते

📉 वजन घटता जरूर है, पर पूरी तरह इलाज नहीं

अध्ययन बताते हैं कि GLP-1 दवाएं मोटापे को ठीक नहीं करतीं, बल्कि अस्थायी रूप से वजन घटाने में मदद करती हैं।

उदाहरण के लिए, STEP-3 अध्ययन में सेमाग्लूटाइड लेने वालों का वजन 68 हफ्तों में औसतन 15% घटा, जबकि प्लेसीबो समूह में सिर्फ 5% कमी आई।

हालांकि वजन घटता है, लेकिन दवा बंद करने पर वजन फिर बढ़ने की संभावना रहती है।

🩺 विशेषज्ञों की राय — रोकथाम ही सबसे असरदार उपाय

विशेषज्ञों का कहना है कि ये दवाएं केवल तब उपयोगी हैं जब रोग विकसित हो चुका हो।

इसलिए, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव नियंत्रण और पर्याप्त नींद ही मोटापे से बचने के असली उपाय हैं।


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