डिजिटल डिटॉक्स का आसान तरीका, खुशबू से मिले दिमाग और आंखों को सुकून

डिजिटल डिटॉक्स का आसान तरीका, खुशबू से मिले दिमाग और आंखों को सुकून
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आज के दौर में डिजिटल डिटॉक्स का मतलब सिर्फ मोबाइल बंद करना या ऐप्स हटाना नहीं रह गया है। कभी-कभी कुछ मिनट की राहत और शांत माहौल भी दिमाग को रीसेट करने के लिए काफी होता है। लैवेंडर की हल्की गर्माहट, पिपरमिंट की ताजगी और चंदन की सौम्यता जैसी प्राकृतिक खुशबुएं तनाव से भरे दिन में सुकून के पल दे सकती हैं। सुकून कोई लग्जरी नहीं, बल्कि हर किसी की जरूरत है। ऐसे में अरोमाथैरेपी एक आसान और असरदार विकल्प बनकर सामने आती है।

अरोमाथैरेपी क्या है

अरोमाथैरेपी खुशबू के जरिए मन और दिमाग को संतुलित करने का एक प्राकृतिक तरीका है। इसमें पौधों से निकाले गए एसेंशियल ऑयल का उपयोग किया जाता है, जिनकी खुशबू सीधे हमारे दिमाग पर असर डालती है। लैवेंडर, पिपरमिंट, चंदन, नींबू और लोबान जैसे तेल तनाव कम करने, नींद सुधारने और मूड को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसे घर पर भी आसानी से अपनाया जा सकता है।

भारत में अरोमाथैरेपी की जड़ें आयुर्वेद से जुड़ी हुई हैं। आयुर्वेदिक ग्रंथों में गंध चिकित्सा का उल्लेख मिलता है, जहां खुशबू को मन की स्थिरता, ध्यान और मानसिक संतुलन के लिए उपयोग किया जाता था। माना जाता है कि सही खुशबू मन से जुड़ी कई परेशानियों को कम करने में सहायक होती है।

थकी आंखों को दे ठंडक

मोबाइल और कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने से आंखों में जलन, भारीपन और सिरदर्द आम समस्या बन चुकी है। इससे राहत पाने के लिए कैमोमाइल या लैवेंडर ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। ठंडे पानी में इन तेलों की एक एक बूंद मिलाकर रुई की पट्टी भिगो लें और बंद आंखों पर पांच से दस मिनट रखें। इससे आंखों को ठंडक मिलती है और थकान कम होती है। कैमोमाइल सूजन और सूखेपन को कम करता है, जबकि लैवेंडर दिमाग को शांत करने में मदद करता है।

डिजिटल थकान से राहत

लगातार स्क्रीन देखने के बाद दिमाग भारी लगने लगता है। ऐसे में पिपरमिंट एसेंशियल ऑयल काफी उपयोगी माना जाता है। इसकी खुशबू सीधे सूंघी जा सकती है या फिर डिफ्यूजर के जरिए कमरे में फैलाई जा सकती है। शोध बताते हैं कि पिपरमिंट ऑयल मानसिक थकान को कम करता है और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है।

ताजगी और फोकस बढ़ाने का तरीका

अगर दिमाग सुस्त महसूस हो रहा है और काम में मन नहीं लग रहा, तो नीलगिरी और रोजमेरी के एसेंशियल ऑयल उपयोगी हो सकते हैं। इन तेलों को डिफ्यूजर में डालकर कमरे में फैलाया जा सकता है या फिर कुछ बूंदें कैरियर ऑयल में मिलाकर कलाई पर लगाई जा सकती हैं। इनकी खुशबू ताजगी देती है और फोकस बनाए रखने में सहायक होती है।

अरोमाथैरेपी के जरिए यह याद दिलाना जरूरी है कि आराम करना भी उतना ही जरूरी है, जितना काम करना। प्रकृति की खुशबू से जुड़कर डिजिटल जीवन की थकान को कुछ पल के लिए ही सही, जरूर कम किया जा सकता है।

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