इन कार्यों को अकेले करने से बचें

जीवन में आचार विचार और सही निर्णय लेने के लिए हमारे शास्त्रों में अनेक नीतियों का वर्णन किया गया है. उन्हीं में से एक है विदुर नीति, जिसे महाभारत में महामनीषी विदुर ने बताया था. विदुर नीति आज भी प्रासंगिक है और यह हमें जीवन जीने की सही दिशा देती है. विदुर ने अपनी नीतियों में कई ऐसे नियम बताए हैं, जिन्हें अपनाकर इंसान सुखी और सुरक्षित रह सकता है.
उन्हीं नियमों में से एक यह है कि कुछ काम कभी अकेले नहीं करने चाहिए, वरना यह व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है.
अकेले स्वादिष्ट भोजन न करें
विदुर नीति के अनुसार, स्वादिष्ट भोजन का आनंद अकेले लेने से उसका महत्व कम हो जाता है. भोजन तभी सार्थक होता है जब उसे परिवार, मित्रों या अन्य लोगों के साथ साझा किया जाए. अकेले भोजन करना स्वार्थी प्रवृत्ति को दर्शाता है और इससे सामाजिक संबंध भी कमजोर पड़ते हैं.
अकेले किसी विषय पर निर्णय न लें
जीवन में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं जब हमें बड़े निर्णय लेने पड़ते हैं. विदुर का कहना है कि ऐसे समय में अकेले निर्णय लेने के बजाय समझदार और विश्वसनीय लोगों से सलाह लेनी चाहिए. अकेले लिया गया निर्णय कई बार गलत साबित हो सकता है और इसके दुष्परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं.
अकेले रास्ते पर न चलें
विदुर नीति में कहा गया है कि सुनसान रास्ते पर अकेले चलना व्यक्ति के लिए खतरनाक हो सकता है. चाहे वह शारीरिक सुरक्षा की बात हो या मानसिक संतुलन की, अकेले सफर करने से जोखिम बढ़ जाता है. समूह में चलने से सुरक्षा के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ता है.
अकेले जागते न रहें जब सब सोए हों
विदुर ने यह भी कहा है कि जब घर या समाज के लोग सो रहे हों, तो अकेले जागना उचित नहीं है. इसका अर्थ यह है कि इंसान को समाज के साथ सामंजस्य बनाकर चलना चाहिए. अलग-थलग रहना, सामाजिक जीवन से दूरी बनाना, व्यक्ति को अकेलापन और मानसिक तनाव की ओर ले जा सकता है.
विदुर नीति हमें यह सिखाती है कि जीवन में सामूहिकता और परामर्श का कितना महत्व है. अकेले रहकर न तो जीवन का आनंद लिया जा सकता है और न ही सही निर्णय लिए जा सकते हैं.
