आयुर्वेद के वरदान: आंवला, हल्दी, तुलसी और घी जैसी चीजें रखती हैं शरीर और मन दोनों को स्वस्थ

आयुर्वेद के वरदान: आंवला, हल्दी, तुलसी और घी जैसी चीजें रखती हैं शरीर और मन दोनों को स्वस्थ
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भीलवाड़ा। आयुर्वेद में कुछ चीजें ऐसी मानी जाती हैं जिन्हें प्राकृतिक वरदान कहा गया है। ये न केवल शरीर को रोगों से बचाव देती हैं बल्कि अंदरूनी शक्ति और मानसिक संतुलन भी बनाए रखती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इनका नियमित सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और जीवनशैली को संतुलित रखता है।

आंवला विटामिन C का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। इसे आयुर्वेद में अमृत फल कहा गया है। यह इम्यून सिस्टम मजबूत करता है, त्वचा को निखारता है और बालों को झड़ने से बचाता है।

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व सूजन और संक्रमण से बचाव करता है। हल्दी वाला दूध या गर्म पानी शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करता है।

तुलसी को औषधियों की रानी कहा जाता है। यह सर्दी-जुकाम, खांसी और गले की खराश जैसी समस्याओं में बेहद लाभदायक है।

घी को आयुर्वेद में बलवर्धक और पाचन सुधारक माना गया है। यह दिमाग को पोषण देता है और जोड़ों को लचीला बनाता है।

अश्वगंधा तनाव और थकान को दूर कर शरीर की ऊर्जा को बढ़ाती है। इसे प्राकृतिक टॉनिक कहा गया है।

त्रिफला, जो हरड़, बहेड़ा और आंवला से बनता है, पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है।

आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार, इन प्राकृतिक चीजों को जीवनशैली में शामिल करने से बीमारियों से सुरक्षा के साथ दीर्घकालीन सेहत और मानसिक शांति दोनों प्राप्त की जा सकती हैं।

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