बढ़ती उम्र में नींद कम होना: खतरे की घंटी

बढ़ती उम्र में नींद कम होना: खतरे की घंटी
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अगर आपकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है और आप कम नींद में भी खुद को “ठीक” महसूस कर रहे हैं, तो सावधान हो जाएं — शरीर पर इसके दूरगामी असर पड़ सकते हैं।

बचपन और किशोरावस्था में 8 से 10 घंटे की नींद जरूरी मानी जाती है, लेकिन कई लोग यह मान लेते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ कम नींद पर्याप्त है। हकीकत में ऐसा नहीं है। **नींद की आवश्यकता उम्र के साथ घटती नहीं, बल्कि बनी रहती है** — केवल शरीर इसकी कमी को सहने की आदत डाल लेता है।

रिसर्च क्या कहती है?

शिकागो यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में सामने आया कि 40 वर्ष के बाद भी शरीर को रोजाना **7 से 9 घंटे की नींद** की जरूरत होती है। कुछ दिनों की नींद की कमी से फर्क नहीं पड़ता, लेकिन लगातार ऐसा होने पर असर दिखने लगता है — जैसे:

* ध्यान केंद्रित न कर पाना 🧭

* याददाश्त कमजोर होना 🧓

* मानसिक थकान और चिड़चिड़ापन 😣

* हार्ट डिजीज और अन्य बीमारियों का खतरा ❤️

### ⚠️ नींद की कमी से आप तुरंत नहीं मरेंगे, लेकिन…

यह समस्या धीरे-धीरे शरीर को कमजोर करती है। सालों तक कम नींद लेकर जीना संभव है, लेकिन इसका असर अंदरूनी अंगों और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।

समय रहते कदम उठाएं

* हर दिन एक ही समय पर सोने और उठने की आदत डालें

* सोने से पहले मोबाइल या टीवी से दूरी बनाएं

* हल्की संगीत या मेडिटेशन से मन शांत करें

* कैफीन या भारी खाना रात में न लें

👉 याद रखें — **अच्छी नींद किसी लक्ज़री नहीं, बल्कि ज़रूरत है।**

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