हाथों-पैरों में अक्सर होता रहता है दर्द? कहीं ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत तो नहीं
हाथों-पैरों या शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द की शिकायत होना सामान्य है। आमतौर पर थकान, शारीरिक मेहनत या सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण इस तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। कुछ दवाओं और घरेलू तरीकों से इनमें लाभ भी पाया जा सकता है। हालांकि अगर आपको अक्सर दर्द की समस्या बनी रहती है, विशेषकर हाथों-पैरों या दोनों में तो इसे लेकर सावधान हो जाना जरूरी हो जाता है। कुछ स्थितियों में अक्सर बने रहने वाले दर्द को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी माना जा सकता है।
अगर आपको अपनी बाहों, पैरों में दर्द होता रहता है, तो हो सकता है कि आपकी मांसपेशियों को पर्याप्त रक्त न मिल रहा हो, इस स्थिति को क्लॉडिकेशन कहते हैं। इसके अलावा शरीर में दर्द के और भी कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में जानना और समय रहते इलाज प्राप्त करना जरूरी हो जाता है।
क्लॉडिकेशन की समस्या
जॉन्स हॉपकिंस के विशेषज्ञों के मुताबिक क्लॉडिकेशन की समस्या आपकी जांघ, पिंडली या नितंबों में होने वाला दर्द का कारण बन सकती है। कई बार तो इसके कारण होने वाला दर्द इतना खतरनाक हो सकता है कि आपके लिए चलना काफी कठिन हो जाता है। आमतौर पर क्लॉडिकेशन का दर्द तब होता है जब आप चलते हैं हालांकि आराम करने पर ये दर्द दूर भी हो जाता है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, थोड़े से चलने पर भी दर्द हो सकता है।
क्लॉडिकेशन को उन स्वास्थ्य स्थितियों से संबंधित माना जाता है जो दिल के दौरे या स्ट्रोक के जोखिम को भी बढ़ा देती हैं। कई और स्थितियां भी अक्सर दर्द होने का कारण हो सकती है।
खून के संचार में दिक्कत
यदि आपके शरीर में रक्त के संचार से संबंधित समस्याएं हैं तो इसके कारण भी आपको अपने हाथों-पैरों में अक्सर दर्द होता रह सकता है। मांसपेशियों को पर्याप्त रक्त न मिलने से उनकी कार्यक्षमता और लचीलेपन में कमी आने लगती है जिससे आपकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। मांसपेशियों में रक्त ले जाने वाली नसों में रुकावट की स्थिति कई और भी प्रकार के स्वास्थ्य विकारों का कारण बन सकती है, इसलिए समय रहते इसपर ध्यान देना जरूरी है।
थायरॉयड ग्रंथि की समस्या
थायरॉयड ग्रंथि की समस्या विशेषतौर पर हाइपोथायरायडिज्म के शिकार लोगों को भी अक्सर दर्द होते रहने की समस्या बनी रहती है। हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में आपकी थायरॉयड ग्रंथि कुछ प्रमुख हार्मोन्स पर्याप्त मात्रा में नहीं बना पाती है। इससे मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द के साथ सूजन की दिक्कत बढ़ सकती है। आप अक्सर थकान महसूस कर सकते हैं और कुछ लोगों में ये याददाश्त की समस्याओं, बालों के पतले होने, त्वचा के रूखेपन, हाई कोलेस्ट्रॉल, हृदय गति में कमी जैसे लक्षण भी पैदा कर सकती है।
फाइब्रोमायल्जिया की स्थिति
फाइब्रोमायल्जिया वैसे तो नींद, मूड और याददाश्त की दिक्कतों का कारण बनती है, कुछ लोगों में इसके कारण जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द की भी दिक्कत होती रह सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तब होता है जब आपके मस्तिष्क में वैसे तो सामान्य और हल्के दर्द का संकेत जाता है पर गलती से ये उन्हें बदतर बना देता है। यह बीमारी, सर्जरी या गंभीर मानसिक तनाव के कारण शुरू हो सकती है।
यही कारण है कि लंबे समय तक बने रहने वाले दर्द को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।