हो जाएं सावधान: आप भी तो नहीं पीते प्लास्टिक की बोतल में पानी?
आजकल जहां देखो हमारे आस-पास प्लास्टिक ही प्लास्टिक नजर आता है। किचेन के डब्बे हों या बाजार में बिकने वाली पानी की बोतल। खाने की पैकिंग हो या सामान लाने वाले पॉलिथिन। कप, प्लेट, स्ट्रॉ हर तरफ प्लास्टिक ही दिखता है।
कुछ लोग तो प्लास्टिक के दुष्प्रभावों से परिचित हैं लेकिन कई लोग ऐसे हैं, जो इसके दुष्प्रभाव के बारे में कुछ भी नहीं जानते। वे नहीं जानते कि प्लास्टिक का उपयोग मनुष्य के शरीर के लिए कितना हानिकारक साबित हो सकता है। इससे निकलने वाले केमिकल्स, शरीर को किस हद तक हानि पहुंचा सकते हैं और इससे प्रकृति के साथ-साथ मनुष्य के शरीर को भी कितना नुकसान पहुंचता है? पानी तो अधिकांश लोग प्लास्टिक की बोतल में ही पीते हैं, जबकि यह बहुत हार्मफुल होता है। प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से आपकी सेहत को क्या नुकसान हो सकता है और कैसे शरीर को अंदर से खोखला कर रहा है प्लास्टिक, इस बारे में जानना जरूरी है।
अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि जब प्लास्टिक गर्म होता है तो उसमें से 50 से 60 तरह के अलग-अलग केमिकल बाहर निकलते हैं और यह शरीर के लिए अत्यंत घातक साबित होते हैं। प्लास्टिक का प्रयोग करने की वजह से इसमें पाए जाने वाले केमिकल्स से सीधा शरीर का संपर्क होता है। इससे अनेक बीमारियों से शरीर घिर सकता है। प्लास्टिक में पाए जाने वाले केमिकल जैसे सीसा, कैडमियम और पारा शरीर में कैंसर, विकलांगता, इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी जैसे गंभीर रोग उत्पन्न करते हैं और इससे बच्चों का विकास भी प्रभावित होता है।एक शोध के अनुसार प्लास्टिक की बोतल में ईडीसीए यानी कि एंडोक्राइन डिस्सेंटिंग केमिकल जैसा बहुत ही खतरनाक और नुकसान देने वाला केमिकल पाया जाता है, जो कि इंसानी हार्मोनल सिस्टम को धीरे-धीरे परंतु सीधे तरीके से नुकसान पहुंचाता है। इसकी वजह से प्यूबर्टी भी जल्दी आती है, वहीं डायबिटीज की समस्या भी हो सकती है।प्लास्टिक में मौजूद केमिकल्स की वजह से महिलाओं में ओवरी से संबंधित बीमारियां और ब्रेस्ट कैंसर जबकि पुरुषों में कोलन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से इम्यूनिटी पर प्रभाव पड़ता है, जिस वजह से वो कमजोर हो सकती है। दरअसल, प्लास्टिक की बोतल में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक आपके ब्लड सर्कुलेशन में आ जाने की वजह से वो शरीर की इम्यूनिटी कम कर देते हैं।प्लास्टिक की बोतल जब गर्मी के संपर्क में आती है तो एक केमिकल रिलीज करता है, जिसे डायोक्सिन कहते हैं। रिलीज किए गए इस केमिकल की वजह से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ सकता है। शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के साथ-साथ प्लास्टिक पर्यावरण को भी काफी हद तक प्रभावित करता है। इसलिए अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपनी लाइफस्टाइल में प्लास्टिक के प्रयोग को बिल्कुल ना कहें।