अपनी शादी के लिए कुछ नहीं मांगा, वो तो हो ही जाएगी बोली कथावाचक जया किशोरी

जया किशोरी ने पुणे में गणेशोत्सव के दौरान अपनी सादगी और स्पष्टवादी अंदाज से सबका दिल जीत लिया। शादी के सवाल पर उनका जवाब, “मैंने कुछ नहीं मांगा, वो तो हो ही जाएगी,” उनकी सहजता और आस्था को दर्शाता है। महाराष्ट्र को घर जैसा बताते हुए उन्होंने अपनी मां और ननिहाल से जुड़ाव का जिक्र किया, जो उनकी जड़ों से गहरे जुड़ाव को दिखाता है।
पारंपरिक लुक में झुमका और फैंसी दुपट्टे के साथ उनकी उपस्थिति आकर्षक थी, और श्रीमंत बाबूसाहेब रंगारी गणपति मंडल के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में उनकी भागीदारी ने आयोजन को और खास बनाया। उनका भक्ति में डूबने और ‘वोकल फॉर लोकल’ का समर्थन करने वाला संदेश प्रेरणादायक है, खासकर जब उन्होंने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और गुरुकुल परंपरा का गर्व से उल्लेख किया।
कान में झुमका, फैंसी दुपट्टा और चेहरे पर मुस्कान... पुणे में खास अंदाज़ में दिखीं जया किशोरी, अपनी पसंद और शादी पर खुलकर बोलीं प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी पुणे में गणेशोत्सव के कार्यक्रम में शामिल हुईं। पारंपरिक लुक में नजर आईं जया ने अपने मन की बातें साझा कीं खाने की पसंद से लेकर शादी और डीजे पर राय तक खुलकर बात की।
जया किशोरी से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने बप्पा से अपनी शादी को लेकर कोई मन्नत मांगी है, तो उन्होंने मुस्कराते हुए जवाब दिया “मैंने अपनी शादी के लिए कुछ नहीं मांगा, वो तो हो ही जाएगी। मैंने सिर्फ यही मांगा कि भगवान की कृपा सब पर बनी रहे।” उनका यह जवाब सुनकर वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाईं और उनकी सादगी की तारीफ की।
यहां आकर लगता है घर जैसा
जया किशोरी इन दिनों महाराष्ट्र के पुणे में हैं, जहां वे गणेशोत्सव के एक खास आयोजन में शामिल हुईं। जब मीडिया ने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें महाराष्ट्र आना बहुत अच्छा लगता है क्योंकि उनकी मां यहीं की हैं, और यहीं उनका ननिहाल भी है। इसलिए यहां का माहौल, खाना और संस्कृति उन्हें बहुत भाते हैं।
झुमका और दुपट्टे में दिखीं बेहद आकर्षक
इस कार्यक्रम में जया किशोरी का लुक सबका ध्यान खींचने वाला था। कानों में झुमका और फैंसी दुपट्टा ओढ़े जया बेहद पारंपरिक और सुंदर नजर आ रही थीं। वे श्रीमंत बाबूसाहेब रंगारी गणपति मंडल के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुईं, और इस आयोजन को "प्रमोशन" कहकर मुस्कराईं। उन्होंने कहा कि पिछली बार सिर्फ आरती में आई थीं, लेकिन इस बार उन्हें प्राण प्रतिष्ठा में आने का सौभाग्य मिला।
लोगों से की अपील: 10 दिन भक्ति में डूब जाएं
जया किशोरी ने लोगों से आग्रह किया कि गणेशोत्सव के इन 10 दिनों में आधुनिकता को थोड़ी देर के लिए छोड़ दें और पूरी तरह भक्ति और आस्था में लीन हो जाएं। उन्होंने कहा कि इस तरह से त्योहार का असली आनंद और आध्यात्मिक ऊर्जा महसूस की जा सकती है।
लोकल के लिए वोकल बनीं जया किशोरी
कार्यक्रम में उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ का समर्थन करते हुए कहा कि भारत की स्थानीय कला और कलाकारों को ज्यादा मौके मिलने चाहिए। उन्होंने कहा: “जब दुनिया के बाकी हिस्सों में शिक्षा शुरू भी नहीं हुई थी, तब भारत में 730,000 गुरुकुल थे। हमें अपनी परंपरा और कारीगरी पर गर्व करना चाहिए।”
