इस तरह खाएंगे खाना तो फायदे की बजाय होगा नुकसान,जानें बाबा रामदेव से

इस तरह खाएंगे खाना तो फायदे की बजाय होगा नुकसान,जानें बाबा रामदेव से
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स्वदेशी और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए पतंजलि ने सेहत से लेकर सौंदर्य तक से जुड़े प्रोडक्ट बनाए हैं, जिनमें अलग-अलग तरह की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं बाबा रामदेव लोगों को योग की शिक्षा देते हैं ताकि स्वस्थ जीवन जिया जा सके. उनके साथी आचार्य बालकृष्ण भी आयुर्वेद में बताई गई जड़ी-बूटियों से लेकर खानपान से संबंधित जानकारियां देते हैं. ऐसी ही एक बुक है ‘द साइंस ऑफ आयुर्वेदा’ जो पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण द्वारा लिखी गई है. इस किताब में बताया गया है कि कैसे अगर खाने की प्रकृति और कॉम्बिनेशन का ध्यान न रखा जाए तो भोजन लाभप्रद होने की बजाय शरीर के लिए नुकसानदायक बन सकता है. आयुर्वेद कहता है कि भोजन के बारे में सही जानकारी न होने और मन पर नियंत्रण न होने की वजह से हम कई बार ऐसी चीजों का सेवन कर लेते हैं जो शरीर में असंतुलन पैदा करती हैं, जिससे विभिन्न बीमारियां हो सकती हैं.

आयुर्वेद के मुताबिक, जो भी भोजन हम करते हैं वह सात धातुओं से बना होता है और ये जीवन भर हमारे साथ शरीर में रहता है. इसलिए गलत भोजन या खाया गया कोई भी खराब पदार्थ न सिर्फ हमारे शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर डाल सकता है. चलिए जान लेते हैं कि कौन से खाने के कॉम्बिनेशन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

खराब कॉम्बिनेशन वाले फूड्स न खाएं

आयुर्वेद में तीन दोष वात, पित्त, कफ बताए गए हैं और अगर इनका संतुलन शरीर में बिगड़ जाए तो इसी से कई बीमारियां पैदा होने लगती है, इसलिए पतंजलि में भी कई ऐसे प्रोडक्ट हैं जो आपके शरीर में इन दोषों को संतुलित करने का काम करते हैं और शरीर को बीमारियों के बचाते हैं. इस किताब में बताया गया है कि कैसे खाने का सही कॉम्बिनेशन आपकी हेल्थ के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता है तो वहीं खराब कॉम्बिनेशन सेहत को बुरी तरह प्रभावित करते हैं. दरअसल जब हम ऐसी दो चीजों को साथ खाते हैं जिनकी प्रकृति अलग होती है तो ऐसा खाना दोषों को तेजी से बढ़ाता है और इससे की बीमारियां पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है.

प्रकृति के मुताबिक खाना है जरूरी

जिस तरह से यह जरूरी है कि आप सही कॉम्बिनेशन वाले फूड्स को डाइट में शामिल करें, ठीक उसी तरह से तापमान के मुताबिक खाने में बदलाव की जरूरत होती है. इसके अलावा इस किताब में यह भी कहा गया है कि आपके शरीर की प्रकृति कैसी है. इसके मुताबिक भी भोजन करना बेहद जरूरी है. जैसे आप कुछ लोग कफ, कुछ वात तो कुछ के शरीर की प्रकृति पित्त प्रधान होती है.

खाने से जुड़ी छोटी-छोटी बातें

आयुर्वेद कहता है कि सुबह नहाने से पहले खाना, भूख न लगने पर भी कुछ न कुछ खा लेना, या फिर कई बार भूख लगने के बाद भी खाना न खाने की वजह से सेहत को नुकसान होता है.

आयुर्वेद में दही को सर्दी में खाना फायदेमंद माना जाता है, वहीं गर्मी, बसंत और मानसून में दही खाने से बचना चाहिए. दही के साथ नमक आदि डालकर खाने से बचना चाहिए. इसके अलावा रात को दही नहीं खाना चाहिए.

घी खाने के बाद ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए. अगर देसी घी या इससे बनी कोई चीज खाई है तो गुनगुना पानी पी पीना चाहिए. खाना खाने के बाद व्यायाम नहीं करना चाहिए. गेहूं या फिर जौ से बनी कोई चीज खा रहे हैं तो इसके बाद भी ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए.

अधपका या फिर बहुत ज्यादा पका हुआ खाना नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा आपका खाना कितना हेल्दी है. इस पर भी निर्भर करता है कि वह किस तरह के ईंधन पर बनाया गया है. इस तरह से छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर भोजन का पूरा फायदा लिया जा सकता है.

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