तेजी से बदल रहा हे आयु संतुलन,कुछ वर्षों में आबादी का बड़ा हिस्सा होगा साठ वर्ष से ऊपर

तेजी से बदल रहा हे  आयु संतुलन,कुछ वर्षों में आबादी का बड़ा हिस्सा  होगा साठ वर्ष से ऊपर
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भारत ऐसी पीढ़ी के दौर में प्रवेश कर रहा है जहां बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आने वाले वर्षों में आबादी का बड़ा हिस्सा साठ वर्ष से ऊपर होगा। अनुमान बताते हैं कि वर्ष 2036 तक देश में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या तेइस करोड़ से अधिक पहुंच सकती है। इसका अर्थ है कि हर सातवां भारतीय बुजुर्ग वर्ग का हिस्सा होगा। समाज में यह बड़ा परिवर्तन सरकार और परिवार दोनों के सामने नई जिम्मेदारियां लेकर आ रहा है।

बुजुर्ग आबादी का बढ़ना क्यों महत्वपूर्ण

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार ने जीवन प्रत्याशा को तो बढ़ाया है, लेकिन इसके साथ दीर्घकालिक देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा जैसी चुनौतियां भी मजबूत रूप में सामने आई हैं। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के अनुसार अकेलापन, उम्र बढ़ने पर निर्भरता, चिकित्सा खर्च और डिजिटल सेवाओं की जटिलता जैसी समस्याएं बुजुर्गों के जीवन को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं। यही कारण है कि उन्हें समाज में सक्रिय बनाए रखना और सुरक्षित वातावरण देना अब एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बन चुका है।




वरिष्ठ नागरिकों के सामने आने वाली मुख्य कठिनाइयां

स्वास्थ्य सेवाओं में कमी और जेरियाट्रिक सुविधाओं की सीमित उपलब्धता

मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे डिमेंशिया और अल्जाइमर

आर्थिक सुरक्षा का अभाव और बढ़ता जीवन व्यय

परिवारिक ढांचे में बदलाव और सामाजिक अलगाव

डिजिटल सेवाओं के उपयोग में कठिनाई और सार्वजनिक स्थानों पर सुविधाओं की कमी

सरकार की तेरह प्रमुख पहलें

सरकार ने पिछले वर्षों में वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को सुरक्षित और सरल बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। ये योजनाएं पेंशन, इलाज, देखभाल, आर्थिक सहायता और सामाजिक सुरक्षा सभी क्षेत्रों को कवर करती हैं।

अटल पेंशन योजना

अठारह से चालीस वर्ष आयु वर्ग के नागरिकों के लिए यह योजना साठ वर्ष के बाद निश्चित मासिक पेंशन उपलब्ध कराती है। एक से पांच हजार रुपये तक की आय सुनिश्चित की जाती है और लाभार्थियों में करोड़ों नागरिक शामिल हो चुके हैं।

अटल वयो अभ्युदय योजना

यह कार्यक्रम बुजुर्गों के सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी सहयोग को मजबूत करने के लिए चलाया जा रहा है। इसके तहत कई सेवाएं एक ही ढांचे में उपलब्ध कराई जाती हैं।

एकीकृत कार्यक्रम

इस योजना ने देशभर में वृद्धाश्रम, डे केयर सेंटर और मोबाइल मेडिकेयर सेवाओं का विस्तार किया है। हजारों बुजुर्ग इन स्थलों पर भोजन, देखभाल और आधारभूत सुविधाएं प्राप्त कर रहे हैं।

राष्ट्रीय वयोश्री योजना

आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों को चलने फिरने और सुनने में सहायता प्रदान करने वाले उपकरण मुफ्त उपलब्ध कराए जाते हैं। इसमें व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र और अन्य सहायक उपकरण शामिल हैं।

एल्डरलाइन हेल्पलाइन

हेल्पलाइन संख्या चौदह पाँच छह सात पर वरिष्ठ नागरिक कानूनी सलाह, पारिवारिक विवाद या उत्पीड़न से संबंधित सहायता और स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

सीनियर केयर एजिंग ग्रोथ इंजन

यह पहल उन स्टार्टअप्स को बढ़ावा देती है जो बुजुर्गों के लिए नई तकनीक और सेवाएं विकसित कर रहे हैं। सरकार हर परियोजना को आर्थिक सहायता भी प्रदान करती है।

सैक्रेड पोर्टल

साठ वर्ष से अधिक आयु वाले नागरिक इस पोर्टल पर पंजीकरण कर घर बैठे काम कर सकते हैं। इसके माध्यम से उन्हें परामर्श, प्रशिक्षण और कौशल आधारित अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं।

देखभालकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम

इस कार्यक्रम में प्रशिक्षित केयरगिवर तैयार किए जाते हैं ताकि बुजुर्गों की शारीरिक और मानसिक जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके। हजारों केयरगिवर इस प्रशिक्षण से लाभान्वित हो चुके हैं।

आयुष्मान भारत योजना

सत्तर वर्ष से अधिक आयु वाले करोड़ों वरिष्ठ नागरिकों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। यह उम्रदराज लोगों के लिए सबसे बड़े स्वास्थ्य सुरक्षा कवचों में से एक है।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन

गरीबी रेखा से नीचे आने वाले वरिष्ठ नागरिकों को मासिक पेंशन दी जाती है। अस्सी वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों की पेंशन इसमें और अधिक है। इस योजना से देश के करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं।

राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य कार्यक्रम

देश के सैकड़ों जिलों में जेरियाट्रिक वार्ड, फिजियोथेरेपी और ओपीडी सेवाएं उपलब्ध कराकर यह कार्यक्रम वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य जरूरतों को सरल बनाता है।

वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष

यह कोष उन योजनाओं को समर्थन देता है जो सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और आवास जैसी जरूरतों को सुदृढ़ करती हैं। बिना दावे वाली बचत तथा अन्य रकम से इसे संचालित किया जाता है।

सामुदायिक सहायता कार्यक्रम

इन कार्यक्रमों में डे केयर केंद्र, परामर्श सेवाएं और सामाजिक गतिविधियां शामिल हैं, जिनका उद्देश्य बुजुर्गों में अकेलेपन को कम करना और उन्हें सामाजिक जीवन से जोड़कर रखना है।


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