30 मिनट से ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करना हो सकता है घातक! मनोचिकित्सकों ने दी चेतावनी

आगरा। मनोरंजन के लिए रोज़ाना 30 मिनट से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यह बात एसोसिएशन ऑफ क्लीनिकल साइकियाट्री (एसीपी) की दो दिवसीय कार्यशाला में देशभर से आए मनोचिकित्सकों ने कही। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि मोबाइल की लत धीरे-धीरे तनाव, नींद की कमी और अवसाद जैसी बीमारियों का कारण बन रही है।
⚠️ मनोचिकित्सकों की चेतावनी: “मोबाइल बन रहा मानसिक रोग का कारण”
कार्यशाला के दूसरे दिन मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल से बढ़ रही मनोरोग की समस्या और उससे बचाव पर चर्चा की गई।
कोलकाता से आए डॉ. गौतम साहा ने कहा —
“पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल बिल्कुल नहीं देना चाहिए।
5 से 14 वर्ष के बच्चे केवल 15 मिनट और युवा या बुजुर्ग 30 मिनट से अधिक मोबाइल का मनोरंजन के लिए उपयोग न करें।”
उन्होंने कहा कि 30 मिनट की आदत धीरे-धीरे 6 घंटे तक बढ़ सकती है, जिससे काम प्रभावित होता है, नींद पूरी नहीं होती और तनाव बढ़ता है।
🤖 एआई चैटबॉट से इलाज लेना भी खतरनाक
एसीपी अध्यक्ष डॉ. यू.जी. गर्ग ने कहा कि आजकल लोग एआई चैटबॉट या डिजिटल असिस्टेंट से अपनी बीमारी का इलाज पूछने लगे हैं, जो खतरनाक प्रवृत्ति है।
उन्होंने कहा —
“हर मरीज के लक्षण और इलाज अलग होते हैं। ऐसे में एआई से इलाज पूछना भ्रमित करने वाला और कभी-कभी घातक हो सकता है।”
वहीं, आयोजन समिति के चेयरमैन और एसएन मेडिकल कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के.सी. गुरनानी ने कहा कि ऑनलाइन इलाज वैज्ञानिक और प्रमाणित डॉक्टरों के माध्यम से ही कराया जाए, न कि रील या वीडियो देखकर।
👨⚕️ कार्यशाला में देश-विदेश के 284 मनोचिकित्सक शामिल
एसीपी की इस कार्यशाला में देश-विदेश से 284 मनोचिकित्सक शामिल हुए।
जूनियर डॉक्टरों ने पोस्टर प्रेजेंटेशन दिए।
कार्यक्रम में इंडियन साइकियाट्री सोसाइटी के अध्यक्ष निर्वाचित डॉ. टी.एस.एस. राव, डॉ. अनुराग वर्मा, डॉ. आशुतोष गुप्ता सहित कई विशेषज्ञ मौजूद रहे।
