कहीं आप तो नहीं कर रहे हैं गलती जिद्दी हो जाएगा बच्चा
कहीं आप तो यह गलती नहीं कर रहे हैं बच्चा लाड प्यार और अनदेखी के चलते जिद्दी तो नहीं हो रहा है अगर आप भी यह गलती करें तो इन्हें सुधार लें
हर बच्चे का व्यक्तित्व काफी हद तक उनकी परवरिश पर निर्भर करता है, क्योंकि माता-पिता के हर छोटे-छोटे व्यवहार बच्चों के स्वभाव पर गहरा असर डालते हैं। जिसमें अनजाने में की गई कुछ पैरेंटिंग गलतियां बच्चों को जिद्दी और जिद पर अड़े रहने वाला बना सकती हैं। यह न केवल उनके सामाजिक विकास में बाधा डालता है, बल्कि परिवार के माहौल को भी तनावपूर्ण बना सकता है। यहां ऐसी ही कुछ आम गलतियां बताई गई हैं, जिनसे बचकर बच्चों को पॉजिटिव और कॉर्पोरेटिव बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं इनके बारे में।
ज्यादा लाड़-प्यार
बच्चों की हर मांग को तुरंत पूरा करना उन्हें स्वार्थी और जिद्दी बना सकता है। जब बच्चों को बार-बार यह महसूस होता है कि उनकी हर बात पूरी हो जाएगी, तो वे किसी बात के लिए इंतजार करना या ना सुनना नहीं सीखते। इसलिए उनकी मांगे पूरी करिए, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखिए कि कब मांग पूरी नहीं करनी है।
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अनुशासनहीनता
बच्चों को नियमों और अनुशासन के महत्व को सिखाना माता-पिता की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में अगर उनके लिए कोई बाउंड्रीज तय नहीं की जाएं, तो वे स्वभाव से विद्रोही और जिद्दी हो सकते हैं। इसलिए उन्हें सिखाइए कि कौन-से नियम तोड़े जा सकते हैं और कौन-से नहीं।
भावनाओं की अनदेखी
जब बच्चे अपनी बात कहने की कोशिश करते हैं और उन्हें अनसुना कर दिया जाता है, तो वे खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। इससे वे ध्यान आकर्षित करने के लिए जिद्दी व्यवहार अपना सकते हैं। इसलिए बच्चों की भावनाओं और बातों को सुनना और समझना बहुत जरूरी है।
कठोर और गुस्सैल रवैया अपनाना
ज्यादा सख्ती और गुस्से से बच्चों पर कंट्रोल पाने की कोशिश उन्हें विद्रोही बना सकती है। सख्ती की बजाय प्यार और संवाद से उन्हें सही रास्ता दिखाना ज्यादा असरदार हो सकता है।
बराबरी करना
दूसरों के बच्चों से बार-बार तुलना करने से बच्चे खुद को कमतर महसूस करते हैं। इससे वे अपनी पहचान और आत्मविश्वास बनाने के लिए जिद्दी स्वभाव अपनाते हैं।
हर गलती पर आंखें मूंद लेना
अगर बच्चों की गलतियों को नजरअंदाज किया जाए, तो वे इसे ही सही मान सकते हैं और अपनी गलत आदतों पर अड़े रह सकते हैं। बच्चों को उनकी गलतियों का एहसास कराना जरूरी है, लेकिन प्यार से।
स्वतंत्रता को दबाना
बच्चों को अपनी राय जाहिर करने और फैसले लेने का मौका देना जरूरी है। हर बात में उनके फैसलों को कंट्रोल करना उन्हें विद्रोही और जिद्दी बना सकता है।