किसी भी नमूने में नहीं हुई बर्ड फ्लू की पुष्टि, पॉल्ट्री उत्पादों की खपत पर कोई प्रतिबंध नहीं

पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से पॉल्ट्री पक्षियों के किसी भी नमूने में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह बात कही। स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम ने कहा कि राज्य सरकार फिलहाल पॉल्ट्री उत्पादों की खपत पर किसी प्रतिबंध पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, पश्चिम बंगाल में स्थिति सामान्य है और चिंता की कोई बात नहीं है। हमने एक एक्टिव इन्फ्लूएंजा की निगरानी की है। एक भी व्यक्ति वायरस से प्रभावित नहीं पाया गया।


उन्होंने कहा, बीमारी का इंसान से इंसान में कोई संचरण नहीं था। स्वास्थ्य विभाग चिकन, अंडे और अन्य पॉल्ट्री उत्पादों की खपत पर प्रतिबंध पर कोई एडवाइजरी जारी नहीं कर रहा है। निगम ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से सालभर एकत्र किए गए कुल 30 हजार नमूनों की जांच सरकारी बेलगछिया पशु स्वास्थ्य एवं पशु चिकित्सा जैविक संस्थान में की गई है।

उन्होंने बताया कि 30 फीसदी नमूनों को फिर से जांच के लिए भोपाल स्थित आईसीएआर (राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान) भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मालदा जिले के कालियाचक में जनवरी में एक चार वर्षीय बच्चे में इस बीमारी का पता चला था और इलाज के बाद वह ठीक हो गया था। विभाग ने बताया कि एक और बच्चा था जो फरवरी में शहर से ऑस्ट्रेलिया गया था और वहां पहुंचने के बाद उसमें एविय इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।

पशु संसाधान विकास के अतिरिक्त मुख्य सचिव विवेक कुमार ने कहा, इसके बाद हमने परिवार के सदस्यों और अन्य व्यक्तियों की निगरानी की। कोई भी वायरस से संक्रमित नहीं पाया गया। हम यह कह सकते हैं कि वायरस का स्त्रोत बंगाल नहीं था। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रतिनिधियों की एक टीम ने गुरुवार को मादा के कालियाचक में मूल्यांकन का एक और दौर आयोजित किया। निगम ने कहा, टीम को उनकी निगरानी के आधार पर कुछ नहीं मिला।

Next Story