इम्पा अध्यक्ष अभय सिन्हा बने एफआईएपीए के वाइस प्रेसिडेंट

नई दिल्ली। इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IMMPA) के अध्यक्ष अभय सिन्हा को एफआईएपीए (इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन्स) और इसके मुख्यालय ए एस बी एल का वाइस प्रेसिडेंट चुना गया है। यह निर्णय फ्रांस के कान्स में आयोजित एफआईएपीए की वार्षिक आमसभा में सर्वसम्मति से लिया गया। भारतीय फिल्म उद्योग के लिए यह एक ऐतिहासिक और गर्व का क्षण है। मालूम हो कि एफआईएपीए विश्व स्तर पर 30 से अधिक देशों के फिल्म निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाला शीर्ष संगठन है। अभय सिन्हा का इस पद पर चयन न केवल भारतीय फिल्म उद्योग की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता को दर्शाता है, बल्कि यह भारत के समृद्ध सिनेमा संस्कृति को वैश्विक पटल पर नई ऊर्जा देने वाला कदम भी है।
1937 में स्थापित इम्पा के अंतर्गत अभय सिन्हा ने संगठन को एक गतिशील, प्रभावशाली और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय इकाई में बदल दिया। उन्होंने भारतीय फिल्म निर्माताओं, विशेषकर स्वतंत्र और क्षेत्रीय कंटेंट क्रिएटर्स को वैश्विक मंच दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाई है। वर्ष 2025 में लगातार दूसरे साल उन्होंने कान्स फिल्म फेस्टिवल में इम्पा की भागीदारी का नेतृत्व किया। इस बार भारत से 40 से अधिक फिल्में और प्रतिनिधि शामिल हुए, जिन्होंने भारतीय सिनेमा की विविधता और गहराई को दुनिया के सामने रखा। इस दौरान भारत पवेलियन में आयोजित पैनल चर्चा “फिल्म स्क्रीनिंग का बदलता प्रतिमान: थिएटर से ओटीटी, डिजिटल प्लेटफॉर्म और उससे आगे” में भी अभय सिन्हा ने वक्ता के रूप में महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
अभय सिन्हा ने भारत में फिल्म सब्सिडी नीति, फिल्म सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया, और उद्योग प्रतिनिधित्व को मजबूत करने के लिए कई राज्यों — जैसे महाराष्ट्र, बिहार, यूपी, एमपी, गुजरात, उत्तराखंड — में सफल हस्तक्षेप किया है। उन्होंने वर्चुअल प्रिंट फीस (VPF), प्रदर्शन चुनौतियों, और कर सुधार जैसे मुद्दों पर निर्माता-निर्देशकों के हित में लगातार आवाज उठाई है। साथ ही, अमेरिका द्वारा विदेशी मनोरंजन कंटेंट पर प्रस्तावित 100% टैरिफ के खिलाफ उन्होंने खुलकर अपने विचार रखे और सांस्कृतिक विनिमय की रक्षा हेतु निष्पक्ष व्यापार नीतियों की वकालत की।
यशी फिल्म्स के संस्थापक के रूप में अभय सिन्हा ने 150 से अधिक फीचर फिल्में और 5,000 से ज्यादा टीवी एपिसोड का निर्माण किया है। वे इंटरनेशनल भोजपुरी फिल्म अवॉर्ड्स (IBFA) के रचयिता हैं, जिसे विभिन्न देशों में आयोजित कर भोजपुरी सिनेमा को पहली बार वैश्विक पहचान दिलाई। यह मंच भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा भी समर्थन प्राप्त कर चुका है। एफआईएपीए के वाइस प्रेसिडेंट के रूप में अभय सिन्हा का चयन भारतीय फिल्म जगत के लिए एक निर्णायक मोड़ है। यह न केवल भारत को वैश्विक फिल्म नीतियों में प्रभावशाली भागीदार बनाता है, बल्कि भारतीय निर्माताओं के लिए नए अंतरराष्ट्रीय सहयोग, वितरण और निवेश के रास्ते भी खोलता है।