इज़राइल-ईरान बारूद के ढेर पर!: इजरायल ने ईरान की गैस रिफाइनरी पर किया हमला, बर्बाद हुआ डिफेंस सिस्टम परमाणु वैज्ञानिकों की मौत से दहल गया ईरान ↗

इजरायल ने ईरान की गैस रिफाइनरी पर किया हमला, बर्बाद हुआ डिफेंस सिस्टम परमाणु वैज्ञानिकों की मौत से दहल गया ईरान   ↗
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ईरान और इज़राइल के बीच तनाव अब खुली जंग (Israel Iran War 2025) में तब्दील हो गया है। दोनों ओर से हमले तेज कर दिए गए हैं। इज़राइल की डिफेंस फोर्स (IDF) ने शनिवार को एक बार फिर ईरान (IDF vs Iran) पर बड़े स्तर पर हमले (Iran Missile Attack) शुरू किए। इज़राइल की सेना ने ईरान के नतांज और फोर्डो न्यूक्लियर फैसिलिटी पर लंबी दूरी की गाइडेड मिसाइलों से हमला (Israel Nuclear Strike)किया। इन हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका लगा है। टारगेट बने ईरान के कई सैन्य बेस और न्यूक्लियर साइट्स में पश्चिमी ईरान के केरमानशाह स्थित इमाम हसन बेस भी शामिल है। वहां से उठते धुएं और धमाकों की ईरानी समाचार एजेंसियों ने पुष्टि की है। सूत्रों के मुताबिक हमलों से संबंधित साइट्स पर रेडिएशन रिस्क को लेकर भी चिंता जताई गई है।ईरानी समाचार एजेंसियों ने बताया कि शनिवार को एक इजरायली ड्रोन ने ईरान के साउथ पारस गैस क्षेत्र में एक रिफाइनरी पर हमला किया। हालांकि अभी इस हमले की पुष्टि होना अभी बाकी है।

इजरायल की सेना ने कहा है कि इजरायली वायुसेना ने ईरान की राजधानी तेहरान के आकाश में उड़ने की स्वतंत्रता प्राप्त कर ली है। ऐसा ईरानी डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त करने के बाद संभव हो पाया।

इजरायल की सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डफरिन ने बताया कि ईरानी डिफेंस सिस्टम को शुक्रवार रात इजरायली हमले से पहले मोसाद के ड्रोन हमलों ने बर्बाद कर दिया था। इसी के कारण इजरायल के 200 लड़ाकू विमान ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों और सैन्य ठिकानों पर प्रभावी कार्रवाई कर पाए।

ईरान के डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया




इसके बाद भी इजरायली हमलों में ईरान के डिफेंस सिस्टम को लगातार निशाना बनाया गया। इसी का नतीजा रहा कि शुक्रवार-शनिवार की रात 70 इजरायली विमानों ने ईरान में घुसकर प्रभावी कार्रवाई की। इस दौरान उन्हें किसी प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा।

इजरायली सेना ने इजरायल के दो एफ-35 विमानों को मार गिराने के ईरानी दावे को गलत बताया है। कहा है कि कार्रवाई के लिए ईरान गए उसके सभी विमान लक्ष्यों को प्राप्त कर सुरक्षित वापस आए हैं

ईरान का पलटवार: सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, इज़राइल में हड़कंप



दूसरी तरफ, ईरान ने भी एक नई सैन्य रणनीति अपनाते हुए सीरिया और इराक़ में मौजूद इज़राइली ठिकानों को टारगेट किया है। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरानी ड्रोन और मिसाइलों ने गुप्त सैन्य अड्डों को निशाना बनाया, जिनमें से कुछ पर भारी क्षति की पुष्टि हुई है।

ईरान ने भी आक्रामक रुख अपनाया

इज़राइली हमलों के जवाब में ईरान ने भी आक्रामक रुख अपनाया और दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। ईरान ने यह हमला अपने परमाणु ठिकानों पर हुई एयरस्ट्राइक के बदले में किया। इन हमलों में इज़रायली सेना (IDF) के 7 जवान जख्मी हुए हैं।

तीन न्यूक्लियर साइंटिस्टों की मौत से हिला ईरान

इज़रायली हमलों में ईरान के तीन परमाणु वैज्ञानिकों की



मौत हो गई है। ये वैज्ञानिक ईरान के संवेदनशील न्यूक्लियर प्रोग्राम का हिस्सा थे। यह हमला ईरान के वैज्ञानिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा झटका माना जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय अपीलें शुरू, ब्रिटेन ने की शांति की मांग

इस गंभीर स्थिति के बीच, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने ईरानी समकक्ष मोहम्मद जवाद अरागची से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, “रात भर के हमले बहुत चिंताजनक हैं, अब सभी पक्षों को तनाव कम करना चाहिए ताकि आम नागरिकों को नुकसान न हो।”

मध्य पूर्व में हालात बहुत गंभीर होते जा रहे

मध्य पूर्व में हालात बहुत गंभीर होते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन, ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। इज़राइल के भीतर भी सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर यह युद्ध जारी रहा तो यह फुल-स्केल रीजनल वॉर में बदल सकता है।

अमेरिका “डायरेक्ट इन्वॉल्वमेंट” की योजना बना सकता है

अब नजर इस बात पर है कि अमेरिका इस स्थिति में किस तरह हस्तक्षेप करता है। व्हाइट हाउस ने इशारा दिया है कि अगर हमला परमाणु सुविधाओं तक सीमित नहीं रहता, तो अमेरिका “डायरेक्ट इन्वॉल्वमेंट” की योजना बना सकता है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (IAEA) ने नतांज साइट की सुरक्षा रिपोर्ट तलब की है।

सबसे ज्यादा असर आम नागरिकों और क्षेत्रीय व्यापार पर पड़ा

बहरहाल इस संघर्ष का सबसे ज्यादा असर आम नागरिकों और क्षेत्रीय व्यापार पर पड़ा है। तेल की कीमतों में भारी उछाल देखा गया है, जिससे वैश्विक बाजारों में चिंता है। ईरान की राजधानी तेहरान और इज़राइल के तेल अवीव में हजारों लोगों ने युद्धविराम की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किए हैं।

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