पिता से कभी बहस मत करो : अनुपम खेर ने बताया उम्र के हर पड़ाव पर कैसे बदलता है पिता-पुत्र का रिश्ता

मुंबई। हिंदी सिनेमा के वरिष्ठ अभिनेता अनुपम खेर सोशल मीडिया पर अक्सर जीवन से जुड़े अपने अनुभवों और उनसे मिले सबक को जाहिर करते रहते हैं। मंगलवार को उन्होंने पिता-पुत्र के रिश्तों को लेकर बात की। इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए वीडियो में अभिनेता ने बेटे और पिता के रिश्ते को उम्र के अलग-अलग पड़ावों में बहुत खूबसूरती से समझाया है। उन्होंने बताया कि बचपन से जवानी और फिर जीवन के आगे तक बेटे का अपने पिता को देखने का जो नजरिया है, वो बदलने लगता है। उन्होंने वीडियो में कहा, "आज का शीर्षक है 'पिता से कभी भी बहस मत करो- 5 और 7 साल की उम्र में हमें लगता है कि पापा सब कुछ जानते हैं। 10 साल तक आते-आते हमें उन पर थोड़ा शक होने लगता है कि शायद उनको सब कुछ नहीं पता है। फिर, 14 साल की उम्र में लगता है कि पापा को तो कुछ भी नहीं पता है। 16 में हमें पापा बिल्कुल पागल लगते हैं। 18 साल में हम सोचते हैं, 'पापा कोई सही फैसला ही नहीं ले सकते।' उन्होंने आगे लिखा कि 25 में पापा की हर बात बकवास लगती है। 30 में पहली बार लगता है, 'शायद पापा कुछ बातें सही कहते थे, उनसे पूछना चाहिए।' 40 साल में हैरानी होती है कि पापा ने जीवन में इतना कुछ कैसे झेला? 45 साल में एहसास होता है कि पापा हमेशा सही थे और 50 तक आते-आते हमें इस बात का एहसास होता है कि काश पापा आज होते, तो उनसे कुछ सीखने को मिलता।
अभिनेता ने आखिर में कहा, "पिता का तजुर्बा कभी भी गलत नहीं होता," इसलिए उनसे कभी बहस नहीं करनी चाहिए, बस चुप रहें या फिर वहां से चले जाएं और उनके सम्मान पर कभी आंच मत आने देना, क्योंकि पापा सब कुछ जानते हैं।"
वीडियो पोस्ट कर उन्होंने लिखा, "पापा सब जानते हैं" से लेकर "पापा कुछ नहीं जानते…और फिर पापा सब जानते थे...इन जज्बातों का एहसास करते हमारी उम्र गुजर जाती है। मैंने उम्र के हिसाब से पिता के बारे में हमारी सोच को समझाने की कोशिश की है। आप अपने तजुर्बे से बताएं कि मैं सच्चाई के कितने करीब हूं?
