भागते अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस के पास है खटारा गाड़ियां

कैसे होगा काम:

जिले का बुहाना उपखंड सीमा से लगे हरियाणा से आने वाले अपराधियों के लिए काम करने का अड्डा बन चुका है। यहां करीब एक दर्जन से ज्यादा आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं लेकिन संसाधनों और अपर्याप्त स्टाफ के चलते पुलिस इनका कुछ भी नहीं कर पा रही है।

हरियाणा के महेन्द्रगढ़ एवं भिवानी जिलों की सीमा के साथ लगते पचेरीकलां एवं बुहाना पुलिस थानों में मुकदमों की अधिकता के बाद भी पुलिस महकमे की तरफ से न तो स्टाफ बढ़ाया जा रहा और ना ही नए वाहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। दोनों ही थानों में स्टाफ की कमी के साथ खटारा वाहनों से काम चलाना पड़ रहा है।

बुहाना उपखंड में करीब एक दर्जन से ज्यादा आपराधिक गिरोह बने हुए हैं। हालत यह है कि अपराधी जहां लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर आपराधिक गतिविधियां कर रहे हैं, वहीं उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस को जर्जर वाहनों से उनका पीछा करना पड़ता है।

किराए के भवन में है डीएसपी ऑफिस

बुहाना में डीएसपी ऑफिस के पास खुद का भवन नहीं है। यह ऑफिस ग्राम पंचायत के दो कमरों में चलता है। फरीयादी एवं उनके साथ आने वाले लोगों के बैठने के लिए भी यहां पर्याप्त जगह नहीं है और ना ही डीएसपी के रहने के लिए कोई भवन है।

पचेरीकलां थाने के हाल

पचेरीकलां थाना की लगभग 27 किलोमीटर की सीमा हरियाणा के महेन्द्रगढ़ के साथ लगती है। इस थाने पर करीब 38 राजस्व गांवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है लेकिन यह थाना स्टाफ की कमी झेल रहा है। थाने को आवंटित गाड़ी कामचलाऊ स्थिति में है।

बुहाना में भी है यही स्थिति

बुहाना पुलिस थाना के 18 किमी क्षेत्र में हरियाणा की सीमा लगती है। थाने से सीमा पर बसे अंतिम गांव की दूरी करीब 23 किलोमीटर है। यहां वर्तमान केवल 28 महिला एवं पुरुष पुलिसकर्मी कार्यरत हैं, जबकि कम से कम 40 पुलिसकर्मियों की आवश्यकता है।

स्टाफ और वाहनों की कमी से जूझता पुलिस विभाग किस आधार पर अपराधियों को पकड़ने का दम भरता है, सोचनीय है।

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