युद्धाभ्यास,: मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम से दुश्मन के ठिकानों पर बरसाए बम
भारत-अमेरिकी संयुक्त युद्धाभ्यास अब अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। गुरुवार से 72 घंटे का महाभ्यास शुरू होगा। युद्धाभ्यास का समापन 21 सितंबर को हो जाएगा। इस दौरान फायर और सूवमेंट डिल, क्लोज-क्वार्टर बैटल ट्रेनिंग और काउंटर-होन ड्रिल का बड़े पैमाने पर अभ्यास किया गया। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारत और अमेरिकी सैनिक संयुक्त रूप से काउंटर टेरेरिज्म और कांउटर स्पेशल ऑपरेशन्स को अंजाम दे रहे हैं। इस दौरान दोनों ही देशों ने अपने हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम से दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर बमबारी की। इसी प्रकार एम-777 हॉवित्जर तोप से दुश्मन को बर्बाद कर दिया। अमेरिका के 11 एयरबोर्न डिवीजन के 600 सैनिक और भारतीय सेना की 9 राजपूत बटालियन के 600 सैनिक एक दूसरे से हथियारों की बारीकियां समझ रहे हैं।
गुरुवार को युद्धाभ्यास का अंतिम चरण शुरू हुआ, जो 21 की सुबह समाप्त होगा। इस दौरान सभी सैनिक रणनीति से दुश्मन को उसी के घर में घुसकर उन्हें मारने तक रणभूमि में डटे रहेंगे। इस महाभ्यास में हेलीबोर्न और एयरबोर्न ऑपरेशन्स के जरिए स्पेशल कमांडोज मैदान में उतारे जाएंगे। यह अभ्यास एक भव्य लाइव-फायर प्रदर्शन के साथ समाप्त होने वाला है, जो अभ्यास के दौरान हासिल की गई संयुक्त परिचालन तत्परता के पूर्ण स्पेक्ट्रम को प्रदर्शित करने का अवसर होगा।
सप्त शक्ति कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने 17-18 सितंबर को बीकानेर मिलिट्री स्टेशन और महाजन फील्ड फायरिंग रेंज का दौरा किया। उन्होंने रणबांकुरा डिवीजन की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की। डिवीजन के प्रौद्योगिकी निवेश और ऑपरेशनल नवीनीकरण देखे। स्वच्छ भारत अभियान में योगदान देने वाली संस्था की हरित पहल और अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं की सराहना की। आर्मी कमांडर ने महाजन फील्ड फायरिंग रेंज का भी दौरा किया तथा आर्टिलरी एवं आर्मर फॉर्मेशन द्वारा तैनाती और एकीकृत फील्ड फायरिंग अभ्यास को भी देखा। उन्होंने सभी रैंकों के प्रशिक्षण, व्यावसायिकता और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता के उच्च मानक की सराहना की और उन्हें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और मल्टी-डोमेन युद्ध के लिए ऑपरेशनल तैयारियों के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
इंडो-यूएस युद्धाभ्यास यूएन मिशन पर केंद्रित है। शुरुआती कुछ दिनों में कर्माड पोस्ट अभ्यास सत्रों ने शांति स्थापना अभियानों पर केंद्रित किया। सैनिकों को सैन्य स्टाफ अधिकारियों की अपेक्षाओं के बारे में जानकारी दी। चर्चा इस बात पर केंद्रित थी कि दोनों सेनाएं संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना जनादेश को पूरा करने के लिए कैसे सहयोग कर सकती हैं। ये सत्र संयुक्त राष्ट्र मिशनों में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से वैश्विक ज शांति और स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के साझा दृष्टिकोण को रेखांकित करते हैं। आतंकवाद-निरोध, दोनों देशों के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है, जो इस वर्ष के अभ्यास में सबसे आगे रहा है।
लाइव फायरिंग
रक्षा प्रवक्ता, कर्नल अमिताभ शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों देशों की एकीकृत मारक क्षमता क्षमताओं का प्रदर्शन किया। यूएस एम-777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोपों ने भारतीय तोपखाने इकाइयों के साथ मिलकर उच्च तीव्रता वाले वातावरण में सटीकता और समन्वय का प्रदर्शन करते हुए लाइव फायरिंग अभ्यास किया। उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) और अपाचे एएच-64 हेलीकॉप्टरों से जुड़े समन्वित वायु सहायता मिशनों के साथ-साथ पिनाका एमबीआरएल सहित उन्नत हथियार प्रणालियों को तैनात किया गया था। भारत-अमेरिकी सेनाओं का सैन्य अभ्यास का समापन 21 सितंबर को है। संयुक्त प्रशिक्षण मॉड्यूल शहरी परिवेश में संचालन और उग्रवाद विरोधी रणनीतियों पर केंद्रित है। इस दौरान दोनों देश एक दूसरे की साझा रणनीति पर किया गया है।