अजब कारनामे,: जिंदा तरस रहे…मरे हुए के खातों में जा रही पेंशन
राजस्थान में IFMS 3.0 सॉफ्टवेयर के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला हो रहा है। सीएजी की तरफ से बार-बार आपत्तियां आ रही है, लेकिन वित्त विभाग के अफसरों को इससे कोई फर्क ही नहीं पड़ता, क्योंकि ऊपर कोई जवाब तलबी ही नहीं की जा रही। हालत यह है कि जिंदा लोग पेंशन के लिए वित्त विभाग के चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं और मरे हुए के खातों में पेंशन डाली जा रही है।
जून 2023 के बाद से जारी ही नहीं हुई फैमिली पेंशन
आईएफपीएमएस 2.0 पर हो रहा था, लेकिन दिनांक 30 जून 2023 के पश्चात आईएफपीएमएस 2.0 के स्थान पर आईएफपीएमएस 3.0 पर कार्य करने के आदेश निकाल दिए गए परंतु हैरानी की बात यह रही कि इस नए सॉफ्टवेयर में किसी पेंशनर की मृत्यु होने पर उसकी विधवा को पारिवारिक पेंशन जारी करने हेतु कोई प्रोग्रामिंग ही नहीं की गई। इस अदूरदर्शिता का नुकसान यह हुआ की दिनांक 30 जून 2023 के पश्चात से अब तक अनेक पेंशनर्स की डेथ हो चुकी है और उनकी विधवाएं पारिवारिक पेंशन के लिए तरस रही है।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा की आईएफएमएस 3.0 जल्दबाजी में लागू किया प्रोग्राम है जिसको पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर देखा जाना चाहिए था । वित्त विभाग ने न जाने किस दबाव में इस आधे अधूरे प्रोजेक्ट को लागू कर दिया है इससे जहां राजस्थान भर के पेंशनर्स एवं पारिवारिक पेंशनर को जयपुर में आकर अपनी परेशानियां दूर करवानी पड़ रही है वहीं पर इस अधूरे सॉफ्टवेयर के आगे पेंशन विभाग के कर्मचारी भी असहाय हैं।
साल भर लटकाया, अब फिर से एप्लाई करवाने की तैयारी
इधर वित्त विभाग ऐसे प्रकरणों में शिथिलता देकर उन्हें आईएफपीएमएस 2.0 पर पूर्व की भांति निस्तारित करवाने की बजाय आईएफपीएमएस 3.0 पर ही करवाने की जिद पर अड़ा है और डेढ़ साल होने के बावजूद भी अभी तक पारिवारिक पेंशन की सफल प्रोग्रामिंग नहीं हो पाई है और विधवायें पेंशन विभाग, डुइट एवं एनआईसी के चक्कर खाकर परेशान हो रही है। सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग के अफसर अब फैमेली पेंशन के मामले में मृतक कर्मचारी आश्रितों को नए सिरे से आवेदन करने के लिए कह रहे हैं। यानी एक साल तक चक्कर लगवाने के बाद अब कर्मचारियों को फिर से लाइन में लगना होगा।