डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई महिला

महुवा। सूरत में एनआईटी की तैयारी कर रही चार छात्राओं पर ड्रग्स का केस हो जाने की बात कहकर फर्जी पुलिसकर्मी द्वारा एक छात्रा की मां को फोन कर दो लाख की रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। छात्रा की मां पाना मीना ने आनन-फानन में करीब 1 लाख 65 हजार की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी। शेष राशि चुकाने के लिए वह बैंक में पैसे निकालने पहुंची तब पूरा माजरा समझने पर पता लगा कि डिजिटल अरेस्ट ठगी का शिकार हो गई।

बयाना क्षेत्र में देवनारायण आवासीय विद्यालय की प्रिंसिपल पाना देवी ने थाना अधिकारी जितेंद्र सिंह सोलंकी को बताया उसके पास एक फोन आया। जिसमें बताया कि ड्रग्स के मामले में उसकी बेटी सहित तीन अन्य छात्राओं को गिरफ्तार कर मुंबई भेज दिया है। इसलिए बेटी को बचाना चाहती हैं तो 50 हजार रुपए देने पड़ेंगे। उसने अपनी बेटी से बात करवाने की बात कही, लेकिन आरोपी ने बात कराने से मना कर दिया।

फर्जी डीआईजी ने मांगे रुपए

इसी बीच एक अन्य व्यक्ति ने अपने आप को डीआईजी बताते हुए कहा कि अब तो आपको दो लाख देने पड़ेंगे। इससे घबराकर पाना देवी ने अपने फोन से 1 लाख 40 हजार हजार रुपए साइबर ठगों को डाल दिए। 25 हजार बैंक में पहुंचकर डलवाए। शेष 35 हजार रुपए निकलवाने एसबीआई बैंक पहुंची।

पैसे निकलवाने बैंक पहुंची तो पता चला

इसी दौरान परिचित अधिकारी ने इस बारे में पूछ लिया कि यह पैसा किसे भेज रही हैं। इस पर उन्होंने अपने साथ हुई घटना को बयां कर दिया तो बैंक अधिकारी ने बताया कि वह ठगी का शिकार हो चुकी है। तत्पश्चात पीड़िता ने पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई। फिलहाल महुवा पुलिस मामले की तहकीकात करने में जुटी है। पीड़िता ने बताया कि घटना के दौरान सूरत में उनकी बेटी कॉलेज में मौजूद थी। इसके चलते मोबाइल बंद था। बाद में बेटी से बात होने पर उसने अपने आप को सुरक्षित भी बताया।

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