राजस्थान में बनेगा मतांतरण विरोधी कानून, लव जिहाद की परिभाषा भी तय; प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी
जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में शनिवार को मतांतरण विरोधी कानून राजस्थान प्रोविजन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन रिलीजन बिल-2024 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। बजट सत्र में इसे पेश किया जाएगा। विधेयक में किसी को लालच देकर या डरा धमकाकर मतांतरण करवाने पर 10 वर्ष तक जेल की सजा का प्रविधान किया गया है।
बिना सूचना मंतातरण होगा अपराध
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि किसी की निरक्षरता, भलमनसाहत का नाजायज फायदा उठाकर प्रशासन को बिना सूचना दिए कोई मतांतरण कराता है तो हम उसे आपराधिक कृत्य मानते हैं। इसी अपराध को रोकने के लिए हम यह कानून लेकर आए हैं। कोई पहली बार नाजायज मतांतरण कराता है तो एक से पांच वर्ष की सजा का प्रविधान रखा गया है।
कितनी सजा का प्रावधान?
मंत्री ने कहा कि कोई नाबालिग या एससी-एसटी के व्यक्ति का जबरन मतांतरण कराता है तो तीन से 10 वर्ष की सजा का प्रविधान है। अगर कोई समूह में मतांतरण कराता है या बार-बार मतांतरण कराता है तो उसके लिए सजा के प्रविधान कड़े रखे गए हैं। मंत्री ने बताया कि कोई खुद की मर्जी से मतांतरण करता है तो उसे 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचना देकर जरूरी प्रक्रिया अपनानी होगी।
लव जिहाद की परिभाषा तय