शंकराचार्य भगवान के नेतृत्व में शीतकालीन चार धाम यात्रा अविस्मरणीय अनुभव

शंकराचार्य भगवान के नेतृत्व में शीतकालीन चार धाम यात्रा अविस्मरणीय अनुभव
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उदयपुर : श्री शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी 1008 श्री श्री अविमुक्तेश्वरानंद महाराज के नेतृत्व में उत्तराखंड में शीतकालीन चार धाम यात्रा का आयोजन हुआ। 16 से 23 दिसंबर तक हुई इस यात्रा में उदयपुर, चित्तौड़, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा एवं दिल्ली के सैकड़ों भक्तों ने हिस्सा लिया। यात्रा के विषय में बताते हुए मेवाड़ धर्म प्रमुख एवं चित्तौड़गढ़ धर्मांसद अधिकारी श्री श्री रोहित गोपाल सूत महाराज ने बताया कि इस यात्रा के दौरान शंकराचार्य भगवान के दर्शन और सत्संग ने उन्हें एवं यात्रा में शामिल भक्तों को जीवन के गहरे सत्य का बोध कराया।

यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने सुखी मठ में माँ यमुनोत्री के दर्शन किए, जहाँ उन्हें शनि भगवान के आशीर्वाद से यह अनुभव हुआ कि यह स्थान न तो यम के भय से और न ही शनि की साढ़े साती के डर से मुक्त है। माँ यमुनोत्री के दर्शन ने श्रद्धालुओं को भयमुक्त किया और परिवार में मधुर संबंधों का ज्ञान प्राप्त हुआ। इसके बाद, मुखवा मुखी मठ में पहुँचने पर ऐसा लगा जैसे श्रद्धालु माँ गंगा के साथ परम ब्रह्म के दर्शन कर रहे हों। शंकराचार्य भगवान ने बताया था कि जैसे माँ गंगा निरंतर गमन करती रहती हैं, वैसे ही हमें भी जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

सर्वहिताय चैरिटेबल ट्रस्ट के सचिव राहुल शर्मा ने बताया कि इस यात्रा में ऊखी मठ और ऊँ कारेश्वर भगवान के दर्शन ने श्रद्धालुओं को अद्भुत आध्यात्मिक शांति दी। यात्रा का समापन हरिद्वार के चंडी घाट पर भव्य आरती से हुआ, जिसमें माँ चण्डी ने सभी १०८ यात्रियों को आशीर्वाद दिया। साथ ही शंकराचार्य भगवान ने मेवाड़ धर्म प्रमुख रोहित गोपाल को सुदर्शन दंड भेंट कर आशीर्वाद प्रदान किया।

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