छह दिन से बोरवेल में फंसी चेतना, मां बोली- कलेक्टर की बेटी होती तो क्या इतने दिन अंदर रहने देतीं

अलवर जिले में कोटपूतली के कीरतपूरा में धनी बढ़ियाल के बोरवेल में फंसी बच्ची चेतना को भूखे प्यासे 125 घंटे बीत चुके हैं। लेकिन बोरवेल में फंसी बच्ची को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। चेतना की मां का रो-रो कर बुरा हाल है और उसने बच्ची को तुरंत बाहर निकालने की मांग की है।बच्ची की मां का कहना है कि यदि जिला कलेक्टर की बच्ची इस तरह फंसी हुई होती तो क्या इतने दिन लगते। उसकी मां ने कहा कि उसकी नहीं तो बच्ची की आत्मा की आवाज ही प्रशासन सुन लेता तो इतने दिन बच्ची फंसी नहीं होती। उधर, जिला कलेक्टर ने बताया कि बच्ची को बोरवेल से निकलने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बोरवेल के पैरलल गड्ढा भी खोद गया है, जिसमें दो लोग नीचे उतरे हैं और उन्होंने नीचे खुदाई भी शुरू कर दी है। जल्दी ही बच्ची को बाहर निकाल लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बच्ची को नीचे पर्याप्त ऑक्सीजन मिले, इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है। जिला कलेक्टर ने बताया कि अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और बच्ची चेतना को बाहर निकल लिया जाएगा।
बारिश से बाधित हुआ अभियान
बचाव दल में लगी टीम ने शुरू में लोहे के छल्ले की मदद से बच्ची को बोरवेल से निकालने की कोशिश की लेकिन सभी प्रयास विफल रहे। दो दिन तक लगातार प्रयास करने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला तो बुधवार सुबह मौके पर पाइलिंग मशीन लाई गई और समानांतर गड्ढा खोदा गया। वहीं, शुक्रवार को बारिश के कारण बचाव अभियान बाधित हुआ और आज दो सदस्यीय टीम सुरंग खोदने के लिए कुएं में उतरी है।
NDRF के जवान खोद रहे सुरंग
जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि बोरवेल के पास समानांतर गड्ढा खोदकर एल आकार की सुरंग के जरिए चेतना तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। गड्ढे में उतरे NDRF के दो जवान मैन्युअल ड्रिलिंग कर रहे हैं। हम उन्हें कैमरे पर देख रहे हैं, वे नीचे से जो उपकरण मांग रहे हैं, उन्हें भेजा जा रहा है। वहीं, सरुंड के थानाधिकारी मोहम्मद इमरान ने बताया कि बच्ची को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। NDRF और SDRF की टीमें लगातार अभियान में जुटी हैं।