चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर गूंजे माता के जयकारे: पदयात्रा का उमंग, लंगर का आनंद और आस्था से रोगों से मुक्ति की कामना

चित्तौड़गढ़ हलचल । शारदीय नवरात्रि का पर्व शुरू होते ही चित्तौड़गढ़ जिले के शक्तिपीठों पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। नवरात्रि के पहले ही दिन किले पर स्थित ऐतिहासिक कालिका माता मंदिर, पांडोली की झांतला माता, जोगणिया माता सहित विभिन्न देवी मंदिरों में हजारों श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए।
आस्था का आलम यह रहा कि कई भक्त सैकड़ों किलोमीटर दूर से पैदल यात्रा कर माता के दरबार पहुंचे। रात होते ही मंदिर के बाहर कतारें लगना शुरू हो गईं और आधी रात तक जयकारों से पूरा दुर्ग क्षेत्र गूंज उठा। भक्तों के चेहरे पर मां के दर्शन की ललक और पैदल यात्रा की थकान के बावजूद उमंग साफ झलक रही थी।
पदयात्रा बनी आस्था का प्रतीक
भीलवाड़ा, राजसमंद और आसपास के जिलों से हजारों श्रद्धालु माता के दरबार पैदल पहुंचे। पदयात्रियों ने रास्ते में भक्ति गीत गाए और मां के जयकारों से माहौल भक्तिमय बना दिया। उनका मानना है कि माता के दरबार तक पैदल पहुंचना मनोकामना पूरी करने और जीवन से कष्टों को दूर करने का सशक्त उपाय है।
लंगरों से महका भक्ति का माहौल
पदयात्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह लंगर लगाए गए हैं। समाजसेवी संगठनों और मंदिर ट्रस्टों ने भोजन, पानी और छाया की व्यवस्था की है। भक्त प्रसाद और भजन-कीर्तन के बीच भोजन ग्रहण कर रहे हैं। यह लंगर केवल पेट की भूख नहीं मिटा रहे, बल्कि भक्ति और भाईचारे का भी संदेश दे रहे हैं।
बीमारियों से मुक्ति की आस्था
पांडोली स्थित झांतला माता मंदिर में हर साल लकवे और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। यहां 9 दिनों तक विशेष आराधना और उपवास कर भक्त मां से रोगमुक्ति का आशीर्वाद मांगते हैं। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि सच्चे मन से माता की उपासना करने से जीवन की सारी बाधाएं और बीमारियां दूर हो जाती हैं।
विशेष आराधना और कड़ी सुरक्षा
कालिका माता मंदिर में सुबह मंगला आरती, श्रृंगार आरती, भोग और संध्या आरती के दौरान हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस जाप्ता और सीसीटीवी से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। बड़ी गाड़ियों को मंदिर तक रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए हैं, ताकि पैदल श्रद्धालुओं को परेशानी न हो।
आस्था और उल्लास से सराबोर नवरात्रि
जोगणिया माता, आसवरा माता, आवरी माता, लालबाई फूलबाई माता सहित जिले के अन्य शक्तिपीठों में भी नवरात्रि पर विशेष पूजा-पाठ और भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है। माता के जयकारों से मंदिर परिसर और गांव-कस्बे गूंज उठे हैं। श्रद्धालु दस दिनों तक उपवास, भक्ति और आराधना में लीन रहकर मां दुर्गा से सुख-समृद्धि, रोगमुक्ति और परिवार की रक्षा का आशीर्वाद मांग रहे हैं।
नवरात्रि का पहला दिन ही यह संदेश दे गया कि आस्था, भक्ति, पदयात्रा की उमंग और सामूहिक भजन-कीर्तन से चित्तौड़गढ़ के शक्तिपीठ केवल मंदिर नहीं, बल्कि जीवन को संवारने और कष्टों से मुक्ति दिलाने वाले अध्यात्मिक केंद्र बन चुके हैं।
