प्रशासनिक अत्याचार का खौफनाक नतीजा: दबाव में शिक्षक की आत्महत्या, सुसाइड नोट में अधिकारियों पर गंभीर आरोप

प्रशासनिक अत्याचार का खौफनाक नतीजा: दबाव में शिक्षक की आत्महत्या, सुसाइड नोट में अधिकारियों पर गंभीर आरोप
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जयपुर। सरकारी तंत्र की क्रूरता और प्रशासनिक दबाव ने एक और जान ले ली। झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में बूथ लेवल अधिकारी (BLO) और सरकारी शिक्षक ने रविवार तड़के ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। मृतक द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट ने सरकारी मशीनरी की निष्ठुर कार्यशैली का काला चेहरा उजागर कर दिया है। उसमें लिखा है — अधिकारी लगातार धमकियां दे रहे थे, रोज अपमानित करते थे, और सस्पेंड करने की चेतावनी देकर मानसिक प्रताड़ना दे रहे थे।

यह दर्दनाक घटना रविवार सुबह करीब 4:30 से 5 बजे के बीच बिंदायका थाना क्षेत्र के रेलवे फाटक के पास हुई। मृतक की पहचान कालवाड़ के धर्मपुरा निवासी **मुकेश कुमार जांगिड़ (48 वर्ष)** के रूप में हुई, जो राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नारीकाबास में शिक्षक थे और झोटवाड़ा विधानसभा के भाग संख्या 175 धर्मपुरा के बीएलओ के रूप में "विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)" कार्यक्रम की जिम्मेदारी निभा रहे थे।

आदेशों के नीचे कुचला गया ज़मीर

पुलिस के अनुसार, रविवार सुबह मुकेश रोज की तरह ड्यूटी के लिए निकले, लेकिन वापस कभी नहीं लौटे। उन्होंने अपनी बाइक बिंदायका फाटक के पास खड़ी की और सामने से आती ट्रेन के आगे कूद गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम कराया और परिजनों को सौंप दिया

सुसाइड नोट में खुला सरकारी आतंक

मृतक की जेब से बरामद सुसाइड नोट ने सबको झकझोर दिया। उसमें लिखा है कि “SIR कार्यक्रम के दौरान अधिकारी रोजाना काम का दबाव बनाते हैं। SIR इंचार्ज सीताराम बुनकर बार-बार फोन कर अपमानित करते और धमकाते हैं कि अगर टारगेट पूरा नहीं हुआ तो सस्पेंड कर दिया जाएगा।”

मृतक के भाई गजानंद ने बताया कि मुकेश रोज सुबह 4:30 बजे ड्यूटी के लिए निकलते थे। भंभौरी और शिम्भुपुरा बूथों का कार्यभार उनके पास था। परिजनों का आरोप है कि जब उन्होंने सुसाइड नोट देखने की कोशिश की, तो पुलिस ने कब्जे में ले लिया। विरोध के बाद ही पुलिस ने नोट पढ़कर सुनाया, जिसमें अधिकारियों पर असहनीय कार्यदबाव का जिक्र था।

मुकेश अपने पीछे पत्नी, दो बेटियां और एक बेटे को छोड़ गए हैं। पूरा परिवार सदमे में है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है।

मामला दर्ज, सिस्टम पर सवाल

सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। वहीं, SIR कार्यक्रम में फील्ड पर काम कर रहे अन्य BLO और शिक्षकों में भारी गुस्सा और डर का माहौल है।

लोग सवाल पूछ रहे हैं— आखिर कब तक सरकारी आदेशों के बोझ तले कर्मचारी अपनी जानें देते रहेंगे?

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