जयपुर में बस बॉडी बिल्डर्स और परिवहन विभाग के बीच टकराव: कारखाने सीज, बिल्डरों को थाने ले जाने से बढ़ा विवाद


जयपुर में परिवहन विभाग और बस बॉडी बिल्डरों के बीच विवाद लगातार गहराता जा रहा है। विभाग द्वारा शहर के कई बस बॉडी निर्माण कारखाने सीज किए जाने के बाद अब पुलिस की ओर से बिल्डरों को थाने ले जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। बढ़ते तनाव के बीच बस बॉडी बिल्डर्स अब इंसाफ की तलाश में हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।

सीकर रोड स्थित शिवम बॉडी बिल्डर्स के संचालक सांवरमल शर्मा ने बताया कि उनके कारखाने में पिछले महीने ओडिशा की एक बस मरम्मत और कुछ काम के लिए आई थी। इसी दौरान 17 अक्टूबर को आरटीओ ने निरीक्षण कर कारखाने को सीज कर दिया। अधिकारियों ने कारखाने में किसी भी तरह का काम करने पर रोक लगा दी और खड़ी बसों को मालिकों को न सौंपने के निर्देश दिए।

शर्मा के अनुसार ओडिशा के बस मालिक जोगेश्वर मिश्रा उनसे लगातार बस वापस लेने की मांग कर रहे थे। उन्हें बताया गया कि आरटीओ ने कारखाने को सीज कर रखा है और बस नहीं दी जा सकती। इस पर मिश्रा फ्लाइट से जयपुर पहुंचे और आरटीओ दफ्तर में अधिकारियों से मिले, जहां उन्होंने 052 और 119 कोड के तहत बस की जांच कर ओडिशा भेजने की अनुमति देने की बात कही, लेकिन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।

करीब दस दिन पहले जब शर्मा कारखाने से बाहर गए हुए थे, उसी दौरान जोगेश्वर मिश्रा बस को जबरन लेकर चले गए। इसके बाद आरटीओ ने शर्मा पर दबाव बनाया कि वे बस मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएं, लेकिन शर्मा ने कहा कि अगर बस में कोई गड़बड़ी है तो विभाग खुद कार्रवाई करे।

शर्मा का आरोप है कि 21 नवंबर की शाम पुलिस उन्हें और उनके कर्मचारी रोहित कुमार जांगिड़ को हरमाड़ा थाने ले गई। बाद में अन्य बस बॉडी बिल्डरों के हस्तक्षेप पर रात में उन्हें छोड़ दिया गया। लगातार बढ़ते इस विवाद ने बस बॉडी बिल्डर्स को अब अदालत का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर कर दिया है।

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