हाईकोर्ट की सख्ती: एमपी और एमएलए पर लंबित केसों की प्रगति पर सरकार से जवाब तलब

एमपी और एमएलए पर लंबित केसों की प्रगति पर सरकार से जवाब तलब
X


राजस्थान में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को लेकर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सरकार ने अदालत को बताया कि जिन मामलों की जांच पुलिस कर रही है, उन्हें केस ऑफिसर स्कीम में शामिल कर दिया गया है और प्रत्येक केस में संबंधित अधिकारी भी तैनात कर दिए गए हैं।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ मामले ऐसे हैं जो सीबीआई के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और उनकी जांच केंद्रीय एजेंसी के पास है। जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस रवि चिरानिया ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अगली सुनवाई जनवरी के प्रथम सप्ताह में तय की है।

हाईकोर्ट स्वयं कर रहा मॉनिटरिंग

सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर दो हजार तेईस में दिशानिर्देश जारी कर हाईकोर्ट को एमपी और एमएलए से जुड़े मामलों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी थी। निर्देशों के तहत हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इन मामलों का स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेकर निगरानी करने और इन मामलों की सुनवाई कर रही जिला अथवा स्पेशल कोर्ट से नियमित रिपोर्ट मांगने को कहा गया था। जरूरत पड़ने पर विशेष अदालत गठित करने के निर्देश भी शामिल थे।

अदालत ने पूर्व सुनवाई में यह भी पूछा था कि कौनसा मामला कितने समय से लंबित है और उसकी मौजूदा स्थिति क्या है। राज्य सरकार ने उस समय बताया था कि इन मुकदमों की मॉनिटरिंग की जा रही है और उनकी ट्रैकिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।


Tags

Next Story