रबी सीजन 2025: प्रदेश में उर्वरक की कमी नहीं होने देंगे—मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इस बार प्रदेश में अच्छी वर्षा होने से किसानों ने रबी फसलों की अग्रिम बुवाई शुरू कर दी है। उन्होंने आश्वस्त किया कि किसानों की मांग के अनुरूप प्रदेश में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध है और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। वे गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में रबी सीजन-2025 के लिए उर्वरक आवंटन, आपूर्ति और उपलब्धता की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
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किसानों को मिले सही जानकारी, समय से आपूर्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार सही जानकारी के अभाव में किसान आवश्यकता से अधिक उर्वरक खरीद लेते हैं। ऐसे में सभी जिलों के प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को उर्वरक उपलब्धता की नियमित और सटीक जानकारी दें तथा उन्हें विश्वास दिलाएं कि सरकार समय पर आवश्यक उर्वरक उपलब्ध कराएगी।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि उर्वरक आपूर्ति से जुड़ी किसी भी समस्या के समाधान के लिए संपर्क नंबर जारी किए जाएं, जिससे किसान सीधे शिकायत दर्ज करा सकें।
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गैर–कृषि उपयोग पर सख्ती, लाइसेंस रद्द होंगे
शर्मा ने स्पष्ट कहा कि अनुदानित यूरिया का गैर कृषि या औद्योगिक कार्यों में उपयोग किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण और डायवर्जन में लिप्त विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
दोषियों के लाइसेंस रद्द करने
एफआईआर दर्ज करने
और बड़े स्तर पर औचक निरीक्षण बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
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सीमावर्ती जिलों में बढ़ेगी निगरानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराज्यीय सीमाओं पर विशेष निगरानी रखी जाए, ताकि अन्य राज्यों में उर्वरक की तस्करी या अनधिकृत आवाजाही को रोका जा सके।
राज्य में ग्राम सेवा सहकारी समितियों को मजबूत कर अधिक से अधिक उर्वरक वितरण इन्हीं समितियों के माध्यम से करने के निर्देश भी दिए गए।
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एक अप्रैल से अब तक 11,600 से अधिक औचक निरीक्षण
बैठक में कृषि विभाग ने बताया कि 1 अप्रैल 2025 से अब तक राज्यभर में 11,634 औचक निरीक्षण किए गए हैं। इसमें—
589 कारण बताओ नोटिस (कालाबाजारी मामलों में)
77 लाइसेंस निलंबन/निरस्तीकरण
47 एफआईआर दर्ज
अवैध भंडारण पर 30 नोटिस, 24 लाइसेंस निलंबन/निरस्तीकरण, 27 एफआईआर
इसके अलावा अमानक गुणवत्ता और उर्वरक डायवर्जन के मामलों में भी कार्रवाई की गई है।
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बैठक में मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास सहित कृषि, सहकारिता एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
