बाराती बनकर पहुंची पुलिस, दो शातिर साइबर ठग गिरफ्तार, 450 खातों से 160 करोड़ की ठगी का खुलासा

बाराती बनकर पहुंची पुलिस, दो शातिर साइबर ठग गिरफ्तार, 450 खातों से 160 करोड़ की ठगी का खुलासा
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डूंगरपुर ।जिले में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। डीएसटी, साइबर थाना पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन साइबर हंट के तहत पिछले एक साल से फरार चल रहे दो शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। खास बात यह रही कि पुलिस टीम बाराती बनकर गुजरात पहुंची और शादी समारोह के दौरान आरोपियों को दबोच लिया।


डूंगरपुर एसपी मनीष कुमार ने बताया कि साइबर ठगी की जांच के दौरान सूचना मिली थी कि आरोपी कौशल कुम्हार निवासी कनबा गुजरात के दाहोद जिले के लिमडी क्षेत्र में एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहा है। सूचना की पुष्टि होने पर साइबर सेल की एक विशेष टीम गुजरात रवाना की गई। पुलिस के पांच जवान शेरवानी पहनकर और सिर पर साफा बांधकर बारात में शामिल हुए। जैसे ही आरोपी कौशल कुम्हार नजर आया, पुलिस ने उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। अचानक हुई कार्रवाई से शादी समारोह में अफरा तफरी मच गई।

पूछताछ में सामने आया कि कौशल कुम्हार शादी के बाद विदेश भागने की तैयारी में था। उससे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने उसके साथी इलेश पटेल उर्फ निलेश कलाल निवासी सागवाड़ा को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने मिलकर देशभर में लोगों को झांसे में लेकर 450 से अधिक फर्जी बैंक खाते खुलवाए थे। इन खातों को दुबई और जॉर्जिया में बैठे साइबर ठगों को किराए पर दिया गया। इन खातों के जरिए देशभर में करीब 160 करोड़ रुपये की ठगी की गई।

एसपी ने बताया कि आरोपी कौशल कुम्हार डूंगरपुर के एक निजी बैंक में नौकरी करता था और बैंक खाते खुलवाने का काम करता था। उसने बैंककर्मी होने का फायदा उठाकर शहर की सार्वजनिक जगहों, कॉलेजों के बाहर और सड़क किनारे कैंप लगाकर खाते खुलवाए। वहीं इलेश पटेल भी लोगों को लालच देकर खाते खुलवाने का काम करता था। दोनों ने गरीब मजदूरों, छात्रों और बेरोजगार युवाओं को सरकारी योजनाओं, पैन कार्ड और छात्रवृत्ति का झांसा देकर उनके दस्तावेज हासिल किए। सबसे ज्यादा खाते कॉलेज के छात्र छात्राओं के नाम पर खुलवाए गए।

इन लोगों के नाम से इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा सहित कई बैंकों में खाते खोले गए। बाद में इन खातों से बड़े पैमाने पर ऑनलाइन फर्जी लेनदेन किया गया। आरोपियों ने खातों की चेकबुक, एटीएम कार्ड और बैंक किट अपने पास रख ली थी।

पुलिस जांच में सामने आया कि इन खातों का इस्तेमाल घनश्याम कलाल निवासी सीमलवाड़ा, वरुण कलाल निवासी पीठ, उपेंद्र कलाल निवासी मोदर और डैनी नटवरलाल निवासी अहमदाबाद कर रहे थे। घनश्याम, वरुण और उपेंद्र दुबई में बैठकर ठगी कर रहे थे जबकि डैनी जॉर्जिया से नेटवर्क चला रहा था।

एसपी मनीष कुमार ने बताया कि ऑपरेशन साइबर हंट के तहत जिले में साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है। साइबर ठग शेयर मार्केट, ट्रेडिंग, क्रिप्टो करेंसी और ऑनलाइन बेटिंग ऐप के जरिए लोगों को झांसे में लेकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे।

पुलिस ने बताया कि इस मामले में दर्ज दो अलग अलग प्रकरणों की जांच के दौरान इस बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है और विदेश में बैठे अन्य साइबर ठगों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।

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