अनिता हत्याकांडः पीड़ित परिवार को मिलेंगे 51 लाख, एक संविदा नौकरी
जोधपुर के बहुचर्चित अनिता हत्याकांड में राजस्थान सरकार ने परिजनों की अधिकतर मांगों को मान लिया है। ओसियां विधायक भैराराम सियोल ने कुड़ी भगतासनी के तेजा मंदिर में एक प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि सरकार की ओर से इस हत्याकांड की सीबीआई से जांच का भरोसा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि परिजनों को 51 लाख रुपए की सहायता राशि देने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही डीसीपी और थानाधिकारी को भी हटाने पर सहमति बनी है। पीड़ित परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी दी जाएगी। बता दें कि यह फैसला आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के हस्तक्षेप के बाद आया है, जिन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की थी। इसके साथ ही चल रहे धरने को भी आज खत्म करने का निर्णय लिया गया। मीडिया से बातचीत के दौरान रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल, सूरसागर विधायक देवेन्द्र जोशी और जाट समाज के पदाधिकारी और परिजन शामिल रहे।
हत्या के बाद आया था जोधपुर
आपको बता दें कि गुलामुद्दीन ने संभवत: 27 अक्टूबर की देर रात या 28 अक्टूबर की अल-सुबह अनिता की हत्या की थी। शव के टुकड़े करने के बाद उसी दिन अपराह्न साढ़े तीन बजे तक मकान के बाहर गाड़ दिए थे। 29 अक्टूबर को पुलिस उसके घर पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला। वह बस से अहमदाबाद भाग गया था, जहां से वह मुम्बई पहुंचा था। उसी दिन वह जोधपुर के लिए रवाना हुआ था और 31 अक्टूबर को जोधपुर आ गया था। दिनभर घूमने के बाद वह उसी दिन बस से फिर मुम्बई के लिए निकल गया था।
बेहोश करके की थी हत्या
मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन ने बताया था कि 27 अक्टूबर को शर्बत में नशीला पदार्थ मिलाकर अनिता को पिलाया था। जिससे वह बेहोश हो गई थी। तब उसने अनिता के पहने हुए सोने का मंगलसूत्र व तीन अंगूठियां लूट ली थी।
गुलामुद्दीन को उम्मीद थी कि अनिता को तीन-चार घंटे में होश आ जाएगा, लेकिन नशे की ओवरडोज की वजह से उसे सात आठ घंटे बाद भी होश नहीं आया था। तब उसने घर में रखे हथौड़े से सर पर वार करके उसकी हत्या कर दी थी। फिर तीन-चार फीट लंबे धारदार चाकू से छह के टुकड़े किए थे।