₹5 लाख में बनी फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट: कांकरोली के डॉक्टर सहित तीन पर 75 लाख की धोखाधड़ी का आरोप
राजसमंद राहुल आचार्य। कांकरोली थाना क्षेत्र के केलवा सरकारी चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर और उसके दो साथियों पर ₹5 लाख की ठगी और फर्जीवाड़े का संगीन मामला सामने आया है। तिलक नगर जे.के. सर्कल कांकरोली निवासी रतनेष कुमार प्रजापत ने रिपोर्ट दी है कि डॉ. सुनील निठारवाल, विजय कुमार दाधीच और सुरेशचंद्र छिपा ने आपसी मिलीभगत से 75 लाख रुपये के बीमा क्लेम का लालच देकर उसके साथ ठगी की।
परिवादी के अनुसार, डॉ. निठारवाल उनके घर पर किरायेदार के रूप में करीब आठ माह रहे थे। पिता के निधन के बाद डॉक्टर ने भरोसा दिलाया कि वह बीमा कंपनी से ₹75 लाख का क्लेम पास करवा देंगे। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज़ और फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कराने के नाम पर ₹5 लाख मांगे गए।
विश्वास में आकर परिवादी ने 17 जून 2025 को ₹5 लाख की नकद राशि विजय कुमार दाधीच के कहने पर सुरेशचंद्र छिपा को सौंपी। डॉक्टर ने दावा किया कि यह रकम क्लेम पास कराने में खर्च होगी।
लेकिन समय बीतने पर भी क्लेम की कोई कार्यवाही नहीं हुई। पूछताछ करने पर डॉक्टर टालमटोल करने लगे। गवाह पुरण सिंह राजपूत और सुरेशचंद्र छिपा ने भी पुष्टि की कि राशि डॉक्टर के कहने पर दी गई थी।
पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि ₹5 लाख में फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर अस्पताल से चोरी की गई रिपोर्ट का इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई थी, ताकि ₹75 लाख का बीमा क्लेम हासिल किया जा सके। डॉक्टर और कंपाउंडर की मिलीभगत से यह पूरा षड्यंत्र रचा गया।
अस्पताल प्रशासन ने सफाई दी है कि संबंधित रिपोर्ट अस्पताल से चोरी हुई थी और आंतरिक जांच जारी है।
हालांकि सवाल उठता है कि— अगर रिपोर्ट चोरी हुई थी तो इतने दिनों तक प्रशासन क्या कर रहा था?
कांकरोली थाना पुलिस ने साक्ष्य और बयान के आधार पर डॉ. सुनील निठारवाल, विजय कुमार दाधीच और सुरेशचंद्र छिपा के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोपों में मामला दर्ज कर जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित को न्याय दिलाया जाएगा।
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