एकल पट्टा प्रकरण में सरकार ने मांगी अग्रिम जांच की अनुमति: बढ़ेगी पूर्व मंत्री धारीवाल और ias सिंधु की मुश्किल

बढ़ेगी  पूर्व मंत्री धारीवाल और ias सिंधु की मुश्किल
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जयपुर। पूर्व नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल और तत्कालीन आईएएस जी. एस. संधु की मुश्किलें फिर से बढ़ने वाली हैं। राज्य सरकार ने एकल पट्टा मामले में पूर्व हाईकोर्ट जज आर. एस. राठौड वाली एक सदस्यीय कमेटी की जांच में नए फैक्ट्स सामने आने पर हाईकोर्ट से अग्रिम जांच की अनुमति मांगी है। इसके साथ ही सरकार ने पूर्व आईएएस जी. एस. संधू, ओंकारमल सैनी और निष्काम दिवाकर के खिलाफ अभियोजन को वापिस लेने की अर्जी को एसीबी कोर्ट के खारिज करने वाली रिविजन को भी वापिस लेने की अर्जी पेश की है।

मामले में विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा के अनुसार अर्जी में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट में अधूरे और गलत सबूतों के आधार पर क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई थी। इस कारण ही पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को मामले में राहत मिल गई थी। इसके साथ ही जस्टिस आर एस राठौड़ की कमेटी की ओर से पेश रिपोर्ट के अनुसार कई नए फैक्ट्स का खुलासा हुआ है। क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करraj ने में गलती थी क्योंकि कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों और ठोस सबूतों की अनदेखी की गई थी। इसलिए राज्य सरकार ने पूर्व में की गई गलतियों को सुधारने और भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का निर्णय किया है। राज्य सरकार की दोनों अर्जी पर 10 फरवरी को सुनवाई होगी।

यह है एकल पट्टे का मामलाः

सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता अशोक पाठक की एसएलपी पर पांच नवंबर, 2024 को पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और पूर्व आईएएस जी. एस. संधु व अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई को समाप्त करने वाले राजस्थान हाईकोर्ट के 15 नवंबर 2022 व 17 जनवरी 2023 के आदेश रद्ध कर दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट को चीफ जस्टिस को मामले की समीक्षा करके नए सिरे से सुनवाई करके छह महीने में मामले का निपटारा करने को कहा था।

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