टायर फैक्ट्री में हादसे की सूचना पर प्रशासन ने परखी आपातकालीन तैयारियां

राज्य सरकार के निर्देशानुसार वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिले की प्रमुख औद्योगिक इकाई जे.के. टायर फैक्ट्री में बुधवार को मॉक ड्रिल आयोजित की गई। ड्रिल के तहत बड़े औद्योगिक हादसे की सूचना प्रसारित होते ही शहर में हड़कंप मच गया। पुलिस, प्रशासन, अग्निशमन दल, सिविल डिफेंस और चिकित्सा टीमें तुरंत मौके के लिए रवाना हुईं।
जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट बालमुकुंद असावा, पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी, एडीएम नरेश बुनकर, एसडीएम बृजेश गुप्ता, नगर परिषद आयुक्त बृजेश राय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी त्वरित रूप से घटनास्थल पर पहुंचे। घायलों को स्ट्रेचर की सहायता से फैक्ट्री से बाहर निकालकर एम्बुलेंस द्वारा अस्पताल भेजा गया।
इधर फायर ब्रिगेड ने सूचना मिलते ही तुरंत आग पर काबू पाया। सिविल डिफेंस के जवानों ने राहत और बचाव कार्यों को तेजी से अंजाम दिया। मामूली रूप से घायल कर्मचारियों और अन्य को फैक्ट्री की बसों के जरिए रवाना किया गया। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
जिला कलेक्टर असावा ने बताया कि मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों का मूल्यांकन करना था। हादसे की सूचना के 10 मिनट के भीतर एम्बुलेंस और अन्य राहत संसाधन मौके पर पहुंच गए। इसके साथ ही जे.के. टायर फैक्ट्री का आंतरिक सुरक्षा नेटवर्क भी सक्रिय रहा।
उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल के जरिए हमने रिस्पॉन्स टाइम और विभागीय समन्वय की क्षमता को परखा, जिसमें सभी टीमें सफल रहीं। सभी विभागों ने निर्धारित समय सीमा में मोर्चा संभाल लिया। जल्द ही इस ड्रिल की रिपोर्ट की समीक्षा भी की जाएगी।
अचानक हुए इस घटनाक्रम के बाद जब मौके पर मौजूद लोगों को यह ज्ञात हुआ कि यह एक मॉक ड्रिल थी, तो सभी ने राहत की सांस ली। जिला प्रशासन और पुलिस ने भरोसा दिलाया कि वे किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।