जेल में बंद बदमाशों द्वारा अवैध वसूली,धमकी पर एक्शन: दो जेल कर्मचारियों समेत 11 बदमाश गिरफ्तार

दो जेल कर्मचारियों समेत 11 बदमाश गिरफ्तार
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अवैध वसूली और एक्सटॉर्शन के लिए अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद बदमाशों द्वारा व्यापारियों, नेताओं और अन्य बड़े लोगों को धमकी देकर फिरौती वसूलने के मामले में जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने तगड़ा एक्शन लिया है। कमिश्नेरट पुलिस ने इस मामले में गोगामेडी मर्डर केस में बंद सुमित यादव और दो जेल कर्मचारियों सहित 11 बदमाशों को अरेस्ट किया है। जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से जेल में बंद बदमाशों तक मोबाइल व अन्य साजो सामान पहुंचाया जा रहा था और इस पूरे खेल के लिए बदमाशों की एक गैंग सक्रिय थी।

पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि पिछले कई महीनों से अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद विभिन्न गैंगों के सदस्यों द्वारा जयपुर शहर में अवैध वसूली व एक्सटॉर्शन के लिए बार-बार लोगों को धमकी दी जा रही थी। ऐसे ही एक मामले में धनराशि नहीं देने के कारण एक शख्स की हत्या की साजिश भी कर ली गई थी हालांकि इस मामले में पुलिस ने हथियारों सहित 16 बदमाशों को पकड़ लिया था लेकिन फिर भी लगातार अवैध वसूली और एक्सटॉर्शन के मामले सामने आ रहे थे।

इन मामलों को ध्यान में रखकर एक टीम का गठन किया गया। टीम को 25 अप्रैल को मुखबिर से सूचना मिली थी कि विक्रम सिंह उर्फ कालू द्वारा अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद मुल्जिमों के उपयोग के लिए मोबाइल फोन फेंके जाएंगे, जिनसे गैंग के सदस्य लोगों को धमकी देकर फिरौती की मांग करेंगे। इस पर चित्रकूट पुलिस ने हरियाणा से आ रहे विक्रम सिंह उर्फ कालू को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से एक देशी कट्टा और दो मोबाइल जब्त किए।

आरोपी से पूछताछ में पता चला कि जेल में बंद बदमाश सुमित अपनी गैंग के सदस्यों को मोबाइल पर दिशा-निर्देश देने के साथ ही व्यापारियों और अन्य लोगों को धमकी देकर एक्सटॉर्शन करता था। गैंग के सदस्य एक्सटॉर्शन की राशि का कुछ हिस्सा जेल पहुंचा रहे थे ताकि सुमित यादव को जेल में सारी सुख-सुविधाएं मिल सकें। धमकी देने के बाद रुपये नहीं देने वाले पीड़ित के मर्डर के लिए फायरिंग करने की प्लानिंग की जा रही थी।इस मामले में सुमित यादव सहित कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बदमाशों की योजना के अनुसार जीतू एमपी से हथियार मंगवाकर देने वाला था साथ ही एक्सटॉर्शन की राशि केंटीन की सप्लाई से जुड़े गंगाराम के जरिये जेल में पहुंचाई जा रही थी। जांच में सामने आया है कि इस संगठित गिरोह के सदस्यों के तार आपस में जुडे़ हुए हैं। जेल में बंद गैंग के सदस्यों को लग्जरी लाइफ और सुख-सुविधाएं देने के लिए एक्सटॉर्शन की राशि का एक बड़ा हिस्सा काम में लिया जाता था। मामले में जेल प्रहरी पवन जांगिड़ और विक्रम सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। ये दोनों ही जेल प्रहरी हैं और इस षड्यंत्र का हिस्सा रहे हैं। इनके अतिरिक्त सुमित यादव और जीतू समेत 11 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।

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