दूसरे चरण की वो 54 सीटें, जो तय करेंगी 2024 के सत्ता का भविष्य |

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टर्मेज़ कंबाइंड आर्म्स ट्रेनिंग रेंज में आयोजित 11 दिवसीय भारत-उज़्बेकिस्तान सैन्य अभ्यास 'दस्तलिक' शुक्रवार को संपन्न हुआ। इस दौरान सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया।

यह अभ्यास 'डस्टलिक' 15 अप्रैल 2024 से शुरू हुआ था, जिसमें अमोघ डिवीजन, फाजिल्का ब्रिगेड के सेवियर्स और सप्त शक्ति कमांड की मुल्तान बटालियन ने भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व किया था। उज़्बेकिस्तान गणराज्य के सशस्त्र बलों के दो प्लाटून ने उज़्बेकिस्तान सेना का प्रतिनिधित्व किया था। एक साथ खड़े होना और आतंकवाद से लड़ना दुनिया के दो देशों भारत और उज्बेकिस्तान का संकल्प है।

इस संयुक्त अभ्यास में शांति और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का संकल्प का भरपूर प्रदर्शन किया गया। अभ्यास 'दस्तलिक' भारत और उज्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय अभ्यास का पांचवां संस्करण था। संयुक्त अभ्यास आतंकवाद विरोधी अभियानों पर केंद्रित था और यह एक प्लाटून स्तर का अभ्यास था और इसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच विचारों, अवधारणाओं और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान पर ध्यान देने के साथ दोनों सेनाओं के बीच अधिकतम सामंजस्य और अंतर-संचालनीयता प्राप्त करना था।

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