नियम जटिल, आवेदन फंसे, आशियाने का अधिकार दूर

शहरी सेवा शिविरों से उम्मीदें बड़ी थीं, लेकिन आमजन अपने आशियाने के अधिकार पट्टों को लेकर असमंजस में है। नियमों की जटिलता और स्पष्टता के अभाव में लोग नए आवेदन करने में भी कठिनाई महसूस कर रहे हैं। शिविर में नियमन, स्टेट ग्रांट पट्टे और खांचा भूमि आवंटन में निराशा हाथ लगी है। अभी तक ज्यादातर कार्य जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह पंजीयन, यूडी टैक्स जमा और नामांतरण तक सीमित रहे हैं। अधिकारी भी पट्टे जारी करने को लेकर जहां कुछ स्पष्ट कहने से बच रहे हैं, वहीं आवेदक शिविर में नए आवेदन करने में भी कठिनाई महसूस कर रहे है।

तीन दिन महज चार पट्टे

नगर निगम की ओर से शहरी सेवा शिविर के दौरान पहले तीन दिनों में महज चार पट्टे जारी किए गए हैं। उपायुक्त यशपाल आहूजा के अनुसार, चारों पट्टे 69 ए के तहत जारी किए गए हैं। बताया जा रहा है कि ये आवेदन भी पूर्व के हैं। वहीं बीडीए की ओर से पहले तीन दिन में कृषि भूमि पर 27, बीडीए योजना क्षेत्र में 11 पट्टे जारी करने की बात कही जा रही है।

उम्मीद लेकर पहुंचरहे शिविर में



शहरी सेवा अभियान में रोज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इनमें अधिकतर संख्या पट्टे चाहने वालों की है। इस बार अभियान में कई श्रेणियों के पट्टों को जारी करने पर बने असमंजस से लोग परेशान हैं। बीडीए और निगम के काउंटरों पर लोग इस उम्मीद से पहुंच रहे हैं कि उनको आशियानों का अधिकार पट्टा प्राप्त होगा, लेकिन आवेदन फार्म ही नहीं मिलने से उनको निराशा हो रही है। इनमें कृषि भूमि पर कब्जा नियमन, राजकीय भूमि पर कब्जा नियमन, कच्ची बस्तियों में पट्टे, स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत पट्टे आदि शामिल हैं।

नियमों में हो और सरलता

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. मिर्जा हैदर बेग के अनुसार, इस अभियान में पट्टे जारी करने में बनी हुई असमंजस पट्टे जारी होने के लिए उलझन बनी हुई है। अभियान को लेकर हालांकि सरकार की ओर से कुछ दिशा निर्देश और जारी किए गए हैं। शिथिलताएं भी दी गई हैं, लेकिन उचित प्रचार प्रसार के अभाव में लोग लाभ नहीं ले पा रहे हैं। कृषि भूमि, स्टेट ग्रांट, कच्ची बस्तियां आदि क्षेत्रों में पट्टे जारी करने को लेकर प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने की जरूरत है, ताकि अधिकाधिक लोग लाभान्वित हो सकें।

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