भीलवाड़ा मे बिना रजिस्ट्रेशन , परमिट और एक नंबर से दौड़ रही है कई बसें
भीलवाड़ा / जयपुर। राजस्थान में नियमों को ताक में रख कर चल रही स्लीपर बसों पर की जा रही कार्यवाही से बस संचालक हड़बड़ा गए है और परिवहन विभाग की ओर से जैसलमेर हादसे के बाद मनमाने तरीके से चालान और बसों को सीज करने की कार्रवाई के विरोध में प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर 5 नवंबर से चक्का जाम कर सकते है। मोटर ऑपरेटरों का कहना है कि हालात असहनीय हो गए हैं। ऐसे में हड़ताल से प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली, गुजरात, पंजाब और अन्य राज्यों में आने-जाने वाले हजारों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उधर ये चर्चा भी है कि जांच न हो तो फिर लोगों की मौत के लिए ऐसे वाहनों को सड़क पर बेलगाम दौड़ने के लिए छूट दे दें , हालात तो यह है कि भीलवाड़ा में बिना रजिस्ट्रेशन , परमिट और एक नंबर से कई बसे दौड़ रही है !
परिवहन विभाग की ओर से जैसलमेर हादसे के बाद मनमाने तरीके से चालान और बसों को सीज करने की कार्रवाई के विरोध में मोटर ऑपरेटर यूनियनों के अनुसार यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो प्रदेश की करीब 20 हजार से अधिक निजी बसें सड़कों से हट जाएंगी। जिसके बाद यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
राजस्थान बस आपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि परिवहन विभाग ने निजी बसों पर एकतरफा कार्रवाई की जा रही है।। जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर हुए बस अग्निकांड के बाद विभाग ने सुरक्षा के नाम पर निजी बसों की लगातार चेकिंग और सीजिंग अभियान चला रखा है। साहू ने कहा कि परिवहन विभाग मनमाने तरीके से बसों को जब्त कर रहा है और बिना उचित कारण चालान काटे जा रहे हैं। अब तक 1000 से ज्यादा बसों के चालान हो चुके हैं और 200 से अधिक बसें सीज की जा चुकी हैं। इससे बस मालिकों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।
लगातार हो रही कार्रवाई का असर यात्रियों पर भी दिखने लगा है। कई यात्री अब निजी बसों में सफर करने से हिचक रहे हैं। यात्रियों में डर बैठ गया है कि कहीं रास्ते में उनकी बस भी रोक न ली जाए।
यहां भीलवाड़ा की बात करे तो यातायात ,परिवहन और पुलिस थानों की जांच पड़ताल कहे या मिलीभगत के बिना रजिस्ट्रेशन , परमिट और एक नंबर से कई बसे दौड़ रही हे ! पिछले दिनों ऐसी कुछ बसे पुलिस ने पकड़ी भी मगर छुटपुट कार्यवाही के बाद वो मुक्त हो गई , खा बात तो जांच में ये आये की कोतवाली क्षेत्र में ५०० मिटत के डाययर में एक ही नंबर की दो बसे महीनो से शाम से लेकर सुबह तक खड़ी रहती मगर पुलिस की नजर तक नहीं पड़ी जबकि शास्त्रीनगर का ये क्षेत्र अति सवेदनशील माना जाता हे ,
