फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र पर नियुक्त नायब तहसीलदार की जांच के आदेश

जयपुर/। राजस्थान में एक बार फिर सरकारी सेवाओं में फर्जी दस्तावेजों से भर्ती का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री कार्यालय को की गई शिकायत के बाद शासन स्तर पर गंभीरता दिखाते हुए जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
निदेशालय विशेष योग्यजन, जयपुर द्वारा अजमेर स्थित राजस्व बोर्ड के रजिस्ट्रार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कंचन द्वारा राजस्थान लोक सेवा आयोग से आयोजित परीक्षा में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नायब तहसीलदार पद पर नियुक्ति प्राप्त करने का आरोप है।
मुख्यमंत्री को प्रेषित शिकायत के बाद शासन सचिवालय से निदेशालय विशेष योग्यजन को यह मामला जांच हेतु सौंपा गया। अब रजिस्ट्रार, राजस्व बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं कि आवश्यक कार्यवाही कर जांच कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
शिकायतकर्ता ने उठाए सवाल
शिकायतकर्ता फणीश कुमार सोनी ने संयुक्त शासन सचिव (जेएसएआर) एवं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मेल पर शिकायत की है कि ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत की पुत्री कंचन चौहान ने राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित आरएएस भर्ती परीक्षा में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नायब तहसीलदार पद पर नियुक्ति पा ली। अभी वर्तमान में वह कार्यवाहक तहसीलदार करेड़ा पद नियुक्त है।
शिकायत के बाद निदेशालय विशेष योग्यजन के अतिरिक्त निदेशक चन्द्रशेखर चौधरी ने राजस्व बोर्ड अजमेर के रजिस्ट्रार को प्रकरण में कार्रवाई कर निदेशालय को जानकारी भिजवाने को कहा है। इस संदर्भ में जब कंचन चौहान को फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। उल्लेखनीय है कि कंचन चौधन ने सितंबर 2024 को कार्यवाहक करेड़ा तहसीलदार के पद पर ज्वाइंन किया था। उसने बधिर का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया था। अब विभाग ये जांच करेगा कि वह 40 प्रतिशत या उससे ऊपर बधिर है या नहीं।
