हींगतड़ा गांव में शादी-समारोह में डीजे बजाने पर रहेगी पाबंदी
सरवाड़ (अजमेर)। डीजे के शोर शराबे से भरे संगीत से होने वाली परेशानियों, आए दिन होने वाले छोटे-मोटे विवादों और ग्रामीण संस्कृति पर होते कुठाराघात के मध्य नजर सरवाड़ उपखंड के ग्राम हींगतड़ा के ग्रामीणों ने अभिनव पहल करते हुए गांव में डीजे बजाने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी। लगभग तीन सौ घरों की बस्ती वाले गांव में अब किसी भी शादी समारोह, जडू़ला, नुगता-मौसर सहित किसी भी सामाजिक, धार्मिक व पारिवारिक कार्यक्रम में डीजे नहीं बजाया जाएगा।
ग्राम के पूर्व सरपंच रामप्रसाद कीर की अगुवाई में ग्रामीणों ने निर्णय किया कि गांव में डीजे नहीं बजाने की खींची गई मर्यादा रेखा का उल्लंघन करने पर गांव का कोई भी व्यक्ति उसके कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगा और हिस्सा लेने वाले से पांच हजार एक सौ रुपए का जुर्माना वसूल किया जाएगा। गांव की हताई पर लिए गए इस निर्णय के दौरान सभी वर्गों के प्रतिनिधि व पंच-पटेल शामिल हुए।
पूर्व सरपंच कीर सहित अन्य ग्रामीणों का कहना था कि डीजे के तेज संगीत से हार्ट अटैक, गाय-भैसों में बच्चा गिरना, घबराहट होना, बीमार आदमी का परेशान होना, आए दिन लड़ाई-झगड़ा होना आदि समस्याओं से ग्रामीण को जूझना पड़ रहा था। दूसरी ओर डीजे के बढ़ते प्रयोग के कारण गांव में सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में लोक गीत और लोक नृत्य का बरसने वाला माधुर्य भी नष्ट होने लगा था और युवा वर्ग भी ग्रामीण संस्कृति से विमुख होते जा रहे थे।
डीजे का प्रयोग बंद होने से लोक संस्कृति व लंबे समय से चली आ रही देहाती परंपराओं की भी फिर से पुनस्र्थापना हो सकेगी। इस दौरान आयोजित बैठक में उप सरपंच रतनलाल गुर्जर, गंगासिंह राठौड़, रामलाल गुर्जर, गोगाराम जाट, तेजमल गुर्जर, रामहेत बलाई, बन्नालाल बैरवा, कालूराम जाट, बजरंग लाल वैष्णव, लालाराम खाती, कालूराम नायक, रामदेव कुम्हार, मोतीलाल माली, बालकिशन खाती, हरिराम सैन, प्रहलाद जाट, बछराज कीर, नारायण गुर्जर, श्रवण माली आदि मौजूद रहे।