स्वदेशी गोला-बारूद के सफल परीक्षण से सेना को मिली नयी ताकत,जैसलमेर बना ‘मेक इन इंडिया’ की मिसाल 🇮🇳💣

जैसलमेर, राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना ने स्वदेशी रूप से विकसित गोला-बारूद का सफल परीक्षण कर देश की सुरक्षा क्षमताओं को और मजबूती प्रदान की है। यह परीक्षण ‘सदा आगे’ परियोजना के तहत किया गया, जो भारतीय सेना और रक्षा अनुसंधान संगठनों (DRDO) की संयुक्त पहल है।
इस परीक्षण ने भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे राष्ट्रीय अभियानों को भी नया प्रोत्साहन दिया है। अधिकारियों के अनुसार, यह सिर्फ एक तकनीकी परीक्षण नहीं, बल्कि भारत की रक्षा तैयारी और स्वदेशी निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
परीक्षण की प्रमुख बातें:
पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज, जैसलमेर
परियोजना: ‘सदा आगे’
संयुक्त पहल: भारतीय सेना + रक्षा अनुसंधान संगठन
उद्देश्य: गोला-बारूद का स्वदेशी निर्माण और परीक्षण
💬 आधिकारिक टिप्पणी:
सूत्रों ने बताया कि परीक्षण पूरी तरह सफल रहा और इसके परिणाम संतोषजनक पाए गए हैं। यह गोला-बारूद उच्च मारक क्षमता से लैस है और इसे भारतीय भू-रणनीतिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
🛡️
‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी राष्ट्रीय पहलों के लिए प्रेरणादायक उपलब्धि हैसामरिक मजबूती:
इस सफलता से भारत अब आयात पर अपनी निर्भरता घटाकर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। इससे न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में भी देश को बाहरी संसाधनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
पोखरण की धरती एक बार फिर देश की रक्षा शक्ति की गवाह बनी है। स्वदेशी तकनीक के इस सफल परीक्षण ने भारतीय सेना को नई ताकत दी है और देशवासियों को गर्व का अहसास कराया है। आने वाले समय में यह पहल रक्षा क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी।